मक्की की फसल को फॉल आर्मी कीट से बचने के लिए कोरोजन दवाई कारगर होगी साबित
जिला में खरीफ सीजन में मक्की की फसल पर फॉल आर्मी कीट ने हमला किया है। मगर किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। किसान अपनी मक्की की फसल को फॉल आर्मी कीट से बचाने को लेकर कोरोजन क्लोरोटीलीपरोल दवाई का स्प्रे कर सकते
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 08-07-2023
जिला में खरीफ सीजन में मक्की की फसल पर फॉल आर्मी कीट ने हमला किया है। मगर किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। किसान अपनी मक्की की फसल को फॉल आर्मी कीट से बचाने को लेकर कोरोजन क्लोरोटीलीपरोल दवाई का स्प्रे कर सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग बिलासपुर की ओर से कृषि विक्रय केंद्रों में 60 लीटर दवाई भेज दी है।
किसान कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों में इस दवाई को प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग ने संबंधित कृषि अधिकारियों से फॉल आर्मी कीट से मक्की फसल को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है। हाल ही में हुई बारिश के चलते मक्की की फसल को फॉल आर्मी कीट के रोग ने जकड़ लिया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो मक्की की फसल में फॉल आर्मी कीट द्वारा पत्ते को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाता है। वहीं, मक्की के पौधे में ही यह कीट आसानी से अपना घर कर लेता है। इसके लिए किसानों को जागरूक रहने की आवश्यकता है।
इसके चलते कृषि विभाग की ओर से कोरोजन दवाई मंगवाई है। दवाई की एक लीटर की कीमत 14 हजार रुपए है। वहीं, किसानों को 30 एमएल की दवाई 420 रुपए में मिलेगी। चार एमएल की दवाई में करीब 10 लीटर पानी में मिलाकर किसान इसका स्प्रे मक्की की फसल पर कर सकते हैं। करीब डेढ़ बीघा जमीन पर स्प्रे कर सकते हैं।
चांदपुर, कंदरौर क्षेत्र के किसानों में राजकुमार, वासुदेव, रणजीत, लक्की, राज कुमार, जोंगेंद्र सहित अन्य किसानों ने कहा कि इस रोग में मक्की की फसल में फॉल आर्मी कीट नुकसान पहुंचा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को अब अपनी फसल की चिंता सताए जा रही है। वहीं, यदि जल्द ही इस रोग से फसल को बचाने का उपाय नहीं किया गया तो उनकी फसल पूरी तरह प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कृषि विभाग से आग्रह किया है कि इस ओर उचित कदम उठाए जाएं।