यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-04-2021
हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची ने प्रदेश में सूखे जैसी स्थिति की संभावना से निपटने के लिए विभिन्न जिलों की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। मुख्य सचिव ने कृषि, बागवानी और संबद्ध विभागों को निर्देश दिए कि सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि प्रदेश के कुल 4,13,134 हेक्टेयर फसल क्षेत्र में से 1,46,508 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे से प्रभावित हुआ है और इससे 10820.57 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सर्वाधिक नुकसान बिलासपुर जिले में हुआ है, जहां कुल 28,020 हेक्टेयर फसल क्षेत्र में से 20,280 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इससे जिले में 3259.37 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
चंबा जिले में 3571 हेक्टेयर फसल भूमि सूखे की चपेट में आने से 815.58 लाख का हुआ है। अन्य जिलों में भी फसल क्षेत्र को नुकसान हुआ है। अनिल खाची ने कहा कि कम वर्षा होने से जल शक्ति विभाग की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। विभाग की कुल 9526 योजनाओं में से 401 योजनाओं को 25 प्रतिशत तक, 197 योजनाओं को 25 से 50 प्रतिशत तक, 87 योजनाओं को 50 से 75 प्रतिशत तक, 28 योजनाओं को 75 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है।
इसके समाधान के लिए जल शक्ति विभाग को संबंधित क्षेत्रों में जल आपूर्तिकर्ता चिह्न्ति कर परिवहन दरें निर्धारित करनी चाहिए, ताकि आवश्यकता होने पर प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हो। उन्होंने सभी पारंपरिक और निजी जल स्रोतों के रखरखाव के निर्देश दिए। इस कार्य में पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी सीएमओ को प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के स्तर पर आपातकालीन मेडिकल टीमें गठित करने के निर्देश दिए, जिससे जलजनित रोगों के कारण किसी भी प्रकार की महामारी होने की स्थिति से निपटा जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि पशुपालन विभाग को अभी से लेकर सभी प्रकार की तैयारियां कर लेनी चाहिए, ताकि किसानों को चारे से संबंधित किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।