SFI ने प्रदेश सरकार द्वारा घोषित बजट को छात्र व नौजवान विरोधी का दिया करार 

SFI ने प्रदेश सरकार द्वारा घोषित बजट को छात्र व नौजवान विरोधी का दिया करार 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   08-03-2021

SFI राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा घोषित बजट को छात्र व नौजवान विरोधी करार दिया है। इस बजट से इस समुदाय को केवल निराशा ही हाथ लगी है।

इस बजट ने सरकार के  शिक्षा व रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के प्रति नकारात्मक  रुख का व आम जन विरोधी नीतियों का पर्दाफाश कर दिया है।

SFI  राज्य सचिव अमित ठाकुर व राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने बजट को शिक्षा जगत से जुड़े छात्र, कर्मचारियों के लिए घोर निराशा का बजट बताया है। उन्होंने कहा है कि पिछली योजनाओं को नया नाम देकर लागू करने की कोशिश की है।

पूरे प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान स्कूल आईटीआई से लेकर महाविद्यालय व विश्वविद्यालय तक शिक्षकों व गैर शिक्षकों की कमी से झूझ रहे है। उसके लिये कोई स्थायी समाधान बजट के माध्यम से नही किया गया।

 PTA के माध्यम से सालाना छात्रो से हो रही करोड़ो की लूट को जारी रखते हुए   इस बार भी भाजपा की प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा के बजट में कोई बढ़ोतरी नही की है। हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले 1 साल में सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान भी छात्रों को झेलना पड़ा है।  

सच्चाई यह है कि कोरोना की आड़ में अभी तक छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति नही दी गई है लेकिन सरकार ने विधायकों व मंत्रियों का लम्बित वेतन तुरन्त जारी करने के आदेश दिए है । यह सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।

इसके साथ साथ  स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय व महाविद्यालय के नाम से जिस योजना में 100 स्कूलों 9 महाविद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने का सपना दिखाया गया है वह महज काल्पनिक औऱ लोगो को गुमराह करने की योजना है। 

पहले सरकार पिछले साल के बजट में निर्धारित 100 स्कूलों व 9 महाविद्यालय के नाम बताए जिन्हें सुधारने व उत्कृष्ट बनाने का प्रयास किया गया बल्कि इसके विपरीत पिछले 3 सालों में लगातार  प्रदेश में शिक्षा के स्तर में भयंकर गिरावट देखी गई है।

प्रदेश के एकमात्र सरकारी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बाटे में बजट में कोई चर्चा नही है । जबकि मौजूदा समय मे विश्वविद्यालय भयंकर आर्थिक संकट से झूझ रहा है। विश्वविद्यालय में कर्मचारियों को वेतन  देंव के लिए पर्याप्त राशि नही है। 

सरकार विश्वविद्यालय को आर्थिक सहयोग देने के बजाय आत्मनिर्भर भारत  के राष्ट्रीय नारे के नाम पर व आर्थिक स्वायत्तता  के नाम से स्वयं साधन जुटाने की सलाह दे रही है।

जिसके मायने है कि विश्वविद्यालय अपने खर्च को स्वयं वहन करने के लिये आने वाले समय मे फिर से फीस बढ़ोतरी करके सारा आर्थिक बोझ प्रदेश की जनता पर थोपने का काम करेगा। जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा । यह बजट शिक्षा के महत्व को लेकर भाजपा  सरकार की गम्भीरता को साफ दर्शाता है।

नई  शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए उतारू भाजपा सरकार अभी तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर  अपने रोडमैप व योजना को कागजो से बाहर नही निकल पाई है।