इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ
यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ 04-09-2021
इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब में आज दो दिवसीय स्थिरता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आरंभ हो गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण से संबंधित चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
सम्मेलन की शुरुआत पुरातन संगीत शब्द ,दिव्य शब्द, गायन, के साथ की गई इसके बाद इटर्नल यूनिवर्सिटी के सहायक उप कुलपति डॉ एस एस अहलूवालिया द्वारा स्वागत भाषण, एवं प्रतिनिधियों द्वारा दीप प्रज्जवलन की प्रक्रिया पूर्ण की गई।
इस अवसर पर कलगीधर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं महान संत बाबा इकबाल सिंह इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। मुख्य अतिथि तरुण श्रीधर (सेवानिवृत्त, आईएएस), वर्तमान में सदस्य कैट, नई दिल्ली ने अपने वास्तविक समय के अनुभवों के बारे में विस्तार से बताया कि हम कैसे मूलभूत ज्ञान की मदद से पानी, कृषि, वनों, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं।
उन्होंने कलगीधर ट्रस्ट को स्थिरता का वास्तविक उदाहरण देते हुए कहा की किस प्रकार ट्रस्ट ने ताऊस, सारंगा, रबाब, सितार और वीणा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रो की मदद से आध्यात्मिक संगीत को जिंदा रखा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा देवेन्द्र सिह ने स्थिरता विषय के बारे में अपने विचार करते हुए कहा की जब तक हम जरूरत मंदो.को खाना, कपड़े, स्वस्थ्य सेवाएं और शिक्षा नहीं देते तब तक इस विषय पर बात करना बेमानी होगी I
उन्होंने बुनियादी समस्याओं और असमानता पर ध्यान केंद्रित किया, जो दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है, इसलिए आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ हमारे बच्चों में मौलिक मानव मूल्यों को पैदा करने की अति आवश्यकता है।
भारत सरकार के नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार योजना आयोग जागीर सिंह सामरा ने जीवाश्म ईंधन की जगह नवीकरणीय ऊर्जा, जल और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता डॉ हर्ष कुमार भानवाला, पूर्व अध्यक्ष नाबार्ड ने अपने संबोधन चार आयामों पर अपने विचार साझा किये और कहा की हर व्यक्ति के लिए चाहे वो किसान हो। उपभोक्ताओं हो या व्यवसायी हो सभी के लिए स्थिरता की परिभाषा अलग अलग है I उन्होंने कृषि के चार मुख्य आयामों पर भी प्रकाश डाला I
विकास वर्मा, क्षेत्रीय प्रमुख यूएनडीपी, उत्तरी क्षेत्र, हरियाणा ने विषय पर प्रकाश डालते हुए युवाओं के योगदान का महत्व समझाया और मानव जाति के लिए सही मायने में स्थिरता के क्या अर्थ हैं पर विस्तार से जानकारी दी
पहले दिन पांच तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया। जिसमें युवा वैज्ञानिकों और युवा विद्वानों के द्वारा एक पोस्टर सत्र किया। जिसकी सभी ने भरपूर सराहना भी की।