उच्च शिक्षा निदेशक के कार्यालय में छात्र अभिभावक मंच ने तीन घंटे धरना जानिए वजह....... 

उच्च शिक्षा निदेशक के कार्यालय में छात्र अभिभावक मंच ने तीन घंटे धरना जानिए वजह....... 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-12-2020
 
निजी स्कूलों की विभिन्न फंडों समेत पूरी फीस वसूलने के विरोध में छात्र अभिभावक मंच ने बुधवार को शिमला में उच्च शिक्षा निदेशक के कार्यालय में तीन घंटे तक धरना दिया। इससे पहले निदेशालय के बाहर मंच के सदस्यों ने सरकार और विभाग के खिलाफ हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां पकड़ कर नारेबाजी की।
 
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि सरकार और शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को लूटने की खुली छूट दे रखी है। अभिभावकों ने मांग उठाई कि सरकार निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फंड न वसूलने की अधिसूचना जारी करे।
 
गुस्साए अभिभावकों ने अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद धरना प्रदर्शन बंद किया। इससे पहले छात्र अभिभावक मंच के सदस्यों ने संयोजक विजेंद्र मेहरा, फालमा चौहान की अगवाई में शिक्षा निदेशक के ऑफिस में जाकर मांग के समर्थन में धरना शुरू कर दिया।
 
मंच के सदस्यों की पदाधिकारियों से बहसबाजी भी हुई। मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त, संयुक्त और सहायक निदेशक से मिलकर दो घंटे बातचीत की। विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और सरकार पर निजी स्कूलों पर नरम रहने का आरोप लगाया और धरने पर बैठ गए।
 
प्रदर्शनकारी तभी धरने से उठे जब अधिकारियों ने 10 नवंबर और 8 दिसंबर की अधिसूचनाओं को रद्द करने और निजी स्कूलों की ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के फंड पर रोक लगाने का आश्वासन दिया। अभिभावकों को निदेशक के साथ हुई निजी स्कूल प्रधानाचार्यों की बैठक में लिया फैसला गुमराह करने वाला लग रहा है।
 
गौर हो कि मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा था कि निजी स्कूल 15 दिन में पीटीए के साथ बैठक कर फीस संबंधी मसला सुलझाएं। मंच ने निदेशक से सवाल किया कि जब इस सत्र में स्कूल खुले ही नहीं तो पीटीए का चयन कैसे हुआ। इससे सिर्फ डम्मी पीटीए को मान्यता देकर मनमर्जी की फीस वसूली को सही करार दिलाना मकसद हो सकता है। मंच संयोजक विजेंद्र मेहरा, फालमा चौहान ने शिक्षा निदेशक की 8 दिसंबर की अधिसूचना को निजी स्कूलों की मनमानी को बढ़ाने वाला कदम बताया है।