यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-10-2020
प्रदेश शिक्षा विभाग में नियमों के विपरीत अपात्र अभ्यर्थियों की नियुक्तियों का मामला काफी गर्मा गया है। अब एक योग विषय में स्नातक महिला अभ्यर्थी को भाषा अध्यापक के पद पर नौकरी देने की बात सामने आई है। इसका खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम से ली जानकारी से हुआ है।
शिक्षा विभाग ने आरटीआई में बताया कि महिला शिक्षक ने वर्ष 1996 में बैचलर ऑफ एजूकेशन इन योगा में डिप्लोमा किया है। महिला को 2016-17 में भाषा अध्यापक पद पर नियुक्ति दी गई है। हमीरपुर जिले के एक स्कूल में सेवाएं दे रही महिला शिक्षक को इसी वर्ष 2020 में अनुबंध कार्यकाल पूरा होने पर नियमित किया गया है।
शिकायतकर्ता ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग से मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है। वर्ष 2004-05 में बीएससी बीएड करने और वर्ष 2015-16 में हिंदी में स्नातकोत्तर करने वाले करीब 9 अभ्यर्थियों को प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 2017 में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत नियुक्तियां दी हैं। बीते माह अनुबंध पर तैनात सभी नौ भाषा अध्यापकों को स्क्रीनिंग कमेटी की आपत्ति के बावजूद नियमित किया गया।
शिक्षा सचिवालय से निदेशक को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उधर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक बलवंत कुमार नड्डा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।
यह नियुक्तियां उनकी ज्वाइनिंग से पहले की हैं। उन्होंने कहा कि जिस योग डिप्लोमा धारक महिला को भाषा अध्यापक पद पर नियुक्त किया गया है, हो सकता हो कि उस दौरान बीएड की अनिवार्यता न रही हो। पहले हिंदी विषय में स्नातकोत्तर करने वाले भी भाषा अध्यापक पद के लिए पात्र माने जाते थे।