दलित नेता हाईकोर्ट को झूठे आंकड़े देकर हाटी समुदाय को कर रहे बदनाम : हाटी समिति

कुछ दलित नेता हाटी समुदाय को बदनाम करने के लिए हाईकोर्ट में झूठे आंकड़े देकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बयान हाटी समिति पांवटा साहिब के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान ने पांवटा साहिब के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में दिया

दलित नेता हाईकोर्ट को झूठे आंकड़े देकर हाटी समुदाय को कर रहे बदनाम : हाटी समिति

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब     10-09-2022

कुछ दलित नेता हाटी समुदाय को बदनाम करने के लिए हाईकोर्ट में झूठे आंकड़े देकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बयान हाटी समिति पांवटा साहिब के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान ने पांवटा साहिब के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में दिया।

हाटी समिति पांवटा साहिब के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय पीछले 55 सालों से जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए संघर्षरत हैं। 

उन्होंने कहा कि पीछले कुछ समय से राज्य व केंद्र सरकार हाटी मुद्दे पर गंभीर नजर आ रही है तथा हाटी मुद्दे का हल देखकर कुछ नेता अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देख लोगों को गुमराह कर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि गिरिपार क्षेत्र के जनजातीय क्षेत्र घोषित होने से किसी भी समुदाय को नुकसान नहीं है लेकिन एक समुदाय के कुछ दलित नेता बाहरी ताकतों के इशारे पर काम कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि एक समुदाय के नेताओं ने हाईकोर्ट में हाटी मुद्दे के खिलाफ गए हैं तथा हाईकोर्ट के समक्ष झूठे आंकड़े पेश किये है। ओमप्रकाश चौहान कहा की दलित नेताओं ने हाईकोर्ट को दिए तथ्यों में कहा है कि गिरिपार क्षेत्र में 2400 एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है जबकि कितने मुकदमे आज तक पूरे प्रदेश में भी नहीं है।

दलित नेता हाई कोर्ट को झूठे आंकड़े देकर हाटी समुदाय को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कई सदियों से गिरिपार क्षेत्र में हर समुदाय के लोग आपसी भाईचारा बनाए रखा हुआ है और अपनी संस्कृति व  रीति रिवाज तथा त्यौहार को मिल जुलकर मनाते हैं। 

हाटी समिति ने सभी लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि अपना भाईचारा को बनाने में सहयोग करें तथा 55 सालों से चली आ रही हाटी को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने में सहयोग करें।

इस मौके पर हाटी समिति के मुख्य सलाहकार रणसिंह चौहान, खजान सिंह नेगी, गुमान वर्मा, लायक राम शास्त्री, राजेंद्र नेगी, मदन तोमर, जयपाल सिंह ठाकुर, शिवानंद शर्मा, नेत्र सिंह तोमर, जगदीश शर्मा, सहीराम राणा, हेमचंद आदि मौजूद थे।