यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 14-10-2020
हमीरपुर के बिझड़ी पटवार सर्किल के पटवारी ने तत्कालीन कानूनगो और एक तहसीलदार की मदद से किसी और के नाम चढ़ी लाखों की जमीन अपने बेटे के नाम करा ली। एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच की।
आरोप सही मिलने पर सरकार से तत्कालीन तहसीलदार के अलावा तत्कालीन पटवारी और कानूनगो के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी है। बिझड़ी के दलबीर कौशल ने विजिलेंस से शिकायत में आरोप लगाया कि भोरंज के बलवानी निवासी पटवारी बिझड़ी जगदीश चंद ने धोखाधड़ी से लाखों की जमीन नाबालिग बेटे के नाम कर ली।
इसमें तत्कालीन कानूनगो और तहसीलदार ने भी मदद की। ब्यूरो ने जांच शुरू की तो पता चला कि गांव के ही प्रकाश चंद, लेखराम, भोला राम और कांशीराम के पास खसरा नंबर 1113 में 16 मरला जमीन थी। इस पर रोशन लाल और बंसीलाल किराएदार थे। 2007 में बंसीलाल ने लैंड सेटलमेंट अधिकारी बिझड़ी को दरख्वास्त दी कि रोशन लाल और राकेश कुमार को खसरा नंबर 1113 मुहल बिझड़ी में बतौर किराएदार दाखिल किया जाए।
तत्कालीन तहसीलदार बड़सर सोहन लाल ने 8 फरवरी 2007 को एप्लीकेशन फील्ड कानूनगो को भेजते हुए एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी। तत्कालीन कानूनगो परसराम ने मौके का मुआयना किया, लेकिन बिना गवाह मुआयने की रिपोर्ट तहसीलदार को भेज दी। इसमें रोशन लाल पुत्र संत राम और राकेश कुमार (जगदीश चंद के पुत्र) व बंसीलाल को कब्जाधारक बताया।
इसके आधार पर तत्कालीन तहसीलदार ने 8 मार्च को पहली सुनवाई में भूमि मालिकों को मौका दिए बिना व जमाबंदी को नजरंदाज कर रोशन लाल पुत्र संतराम और राकेश कुमार पुत्र जगदीश चंद निवासी बिझड़ी को बतौर किराएदार / कब्जाधारक दर्ज कर दिया। जांच में उप प्रधान ने राकेश कुमार नाम के किसी व्यक्ति के गांव निवासी न होने की बात कही।
इसके डेढ़ साल बाद म्यूटेशन के आधार पर सभी को जमीन का मालिक दर्ज कर दिया गया। कुछ समय बाद राकेश कुमार के नाम के एक मरले को बेच दिया गया। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद विजिलेंस अधिकारियों ने कानूनगो जगदीश चंद, तहसीलदार पारस राम और तत्कालीन तहसीलदार सोहन लाल के खिलाफ धोखाधड़ी समेत आईपीसी की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है।