स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में प्रदेश की कई पंचायतों को नहीं मिली पुरस्कार की राशि
यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 25-03-2020
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में प्रदेश की कई पंचायतों को पुरस्कार की राशि अभी तक नहीं मिली है। इन पंचायतों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में वर्ष 2017-18 में शुरू हुई महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण स्वच्छता पुरस्कार योजना में खंड, जिला और प्रत्येक मंडल से सबसे स्वच्छ पंचायतों का चयन किया गया है। इसके लिए बाकायदा टीमों ने पंचायतों का निरीक्षण किया है।
सूबे के 78 विकास खंडों, 12 जिलों और तीन मंडलों में सबसे स्वच्छ रही पंचायतों को ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पुरस्कार दिया जाना है।
खंड स्तर पर सबसे स्वच्छ पंचायत को एक लाख, जिला स्तर पर स्वच्छ पंचायत को तीन लाख और मंडल स्तर पर सबसे स्वच्छ पंचायत को पांच लाख रुपये की इनामी राशि दी जानी है।
चार सालों से यह राशि पंचायतों को जारी नहीं हो पाई है। यही नहीं राशि जारी न होने के कारण अगले वर्ष महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण स्वच्छता पुरस्कार योजना में निरीक्षण भी नहीं हुआ।
अगर यह राशि पंचायतों को जारी हो जाती है तो कई विकास कार्य पूर्ण हो सकते हैं। हमीरपुर जिले में ही छह विकास खंडों की पंचायतों के छह लाख, जिला स्तर पर अव्वल रही अग्घार पंचायत के तीन लाख और मंडल स्तर पर अव्वल रही सकरोह पंचायत के पांच लाख फंसे हुए हैं।
इसी तरह अन्य जिलों की राशि भी जारी नहीं हुई है। इसके अलावा स्कूल स्वच्छता और महिला मंडल स्वच्छता पुरस्कार योजना में भी राशि का भुगतान नहीं हुआ है।
इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन के सलाहकार राजेश झारटा ने कहा कि इसकी फाइल फाइनेंस में गई हुई हैं। जैसे ही बजट स्वीकृत होगा।
पंचायतों, स्कूलों और महिला मंडलों को भुगतान किया जाएगा। आगामी निरीक्षण पुराने बजट के जारी होने के बाद ही करवाया जाएगा।