हिमाचल में चरमराएगी स्वास्थ्य सेवाएं , दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे डॉक्टर जानिए कब से........ 

प्रदेश के सभी एलोपैथिक चिकित्सक सात से 12 फरवरी तक सुबह 9.30 बजे से 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर रहेंगे

हिमाचल में चरमराएगी स्वास्थ्य सेवाएं , दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे डॉक्टर जानिए कब से........ 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   05-02-2022

प्रदेश के सभी एलोपैथिक चिकित्सक सात से 12 फरवरी तक सुबह 9.30 बजे से 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर रहेंगे। 14 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया है। ये निर्णय हिमाचल प्रदेश के सभी एलोपैथिक चिकित्सक संघ की संयुक्त समन्वय समिति की बैठक में लिया गया। 

ये बैठक आनलाइन माध्यम से आयोजित की गई। नवीनतम वेतन आयोग के दिशा निर्देशों में घोषित विसंगतियों को दूर करने और राज्य के चिकित्सा समुदाय के मुद्दों को हल करने के लिए संयुक्त समन्वय समिति सरकार को 5 दिनों का नोटिस देगी। 

छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत चिकित्सकों को हो रहे नुकसान को लेकर चिकित्सक खफा हैं और प्रदेश सरकार से इस संबंध में मांगे मानने के लिए कहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कोई ठोस कदम उठाने या आश्वासन मिलने के बाद ही पेन डाउन स्ट्राइक और सामूहिक अवकाश के निर्णय को वापस लिया जाएगा। 

पेन डाउन स्ट्राइक और सामूहिक आकस्मिक अवकाश के दौरान आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। राज्य के सभी चिकित्सक 6 फरवरी तक मांगे न माने जाने पर 7 फरवरी 2022 (सोमवार), 2 घंटे पेन डाउन स्ट्राइक (सुबह 09:30 से 11:30 पूर्वाह्न) राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 12 फरवरी 2022 तक रहेगा। इस दौरान गेट मीटिंग, काला बैज लगाकर विरोध जताया जाएगा। 

प्रदेश के सभी चिकित्सक 14 फरवरी (सोमवार) को एक दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे और 14 फरवरी तक मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा। संघ का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के चिकित्सकों के लिए गैर-अभ्यास भत्ता मूल वेतन के 25 प्रतिशत की दर से जारी किया जाए। मूल वेतन और एनपीए की अधिकतम सीमा पंजाब पैटर्न के अनुसार 237600 रुपये होनी चाहिए। 

हिमाचल प्रदेश वेतन आयोग द्वारा उल्लिखित 218600 पर तय नहीं होनी चाहिए। एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम  4-9-14 चिकित्सकों के लिए टाइम स्केल प्रमोशन बंद नहीं किया जाना चाहिए। 

स्नातकोत्तर योग्यता वाले चिकित्सकों के लिए स्नातकोत्तर भत्ता (पीजी भत्ता) 7000 रुपये से बढ़ाकर 20000 रुपये प्रति माह और राज्य के मेडिकल कॉलेजों में समान पैटर्न पर काम करने वाले शिक्षकों के लिए शैक्षणिक भत्ता। पीजी शैक्षणिक भत्ते को सीपीआई से जोड़ा जाना चाहिए और समय-समय पर बढ़ाया जाना चाहिए।