- भारी ओलावृष्टि और आंधी से फसल नष्ट , किसान परेशान
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-04-2021
हिमाचल प्रदेश में आंधी और ओलावृष्टि ने करोड़ों रुपये की सेब की फसल बरबाद कर दी है। कहीं फलों पर तो कहीं फूलों पर आफत बरसी। इससे सेब बागवानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है।
यह नुकसान शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिलों में हुआ है। मैदानी जिलों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। शिमला के ठियोग क्षेत्र की क्यार, कमाह, कलींड आदि पंचायतों में ओलावृष्टि हुई।
प्रदेश मेें इन दिनों मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फ्लावरिंग हो रही है, पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश से शुरुआती दौर में सेब की फसल पर संकट छा गया है।
बुधवार को कहीं ओलों तो कहीं आंधी-तूफानसे सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। रामपुर उपमंडल के जघोरी में करीब दस मिनट तक ओलावृष्टि ने कहर बरपाया। ओलों ने फूल और पत्तियों को पेड़ों से जमीन पर गिरा दिया है।
किन्नौर की रूपी वैली के निचले क्षेत्रों और 12/20 के मझाली गांव में बारिश से हल्की ओलावृष्टि हुई। शलाटी वैली में भी ओलावृष्टि ने सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है।
नित्थर के सेब एडशी, बुआई, तांदी और ढहमा के ऊपरी इलाकों में बारिश से तापमान में गिरावट हुई है। बागवान सुनील भारती, देेविंद्र ठाकुर, हुकुम चंद और सिकंदर ठाकुर के अनुसार फ्लावरिंग से धूल वाली बारिश हुई है।
इससे पूरे नित्थर क्षेत्र की करीब 48 प्रतिशत सेब की फसल पर असर हुआ है। जिला कुल्लू के ऊपरी इलाकों में हो रही सेब की फ्लॉवरिंग पर मौसम की मार पड़ रही है। निचले इलाकों में सेब की फ्लावरिंग के साथ सेटिंग का कार्य भी पूरा हो गया है।
पहाड़ों में हिमपात से कड़ाके की ठंड पड़ने से सेब के फूल झड़ना शुरू हो गया है। असमय बर्फबारी और लगातार बारिश ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। रबी की फसल के लिए बारिश वरदान बनी है।