शिमला में पानी का बिल न देने पर 54 उपभोक्ताओं के पेयजल कनेक्शन काटने के आदेश
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 25-05-2021
राजधानी में बिना बिल भरे कई सालों से मुफ्त का पानी डकार रहे 54 उपभोक्ताओं के पेयजल कनेक्शन काटने के आदेश जारी हो गए हैं। यह नोटिस के बावजूद पानी का बिल नहीं भर रहे थे।
पेयजल कंपनी के अनुसार कनिष्ठ अभियंताओं की रिपोर्ट के आधार पर इन उपभोक्ताओं का पानी काटा जा रहा है। इनमें से कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो पानी का बिल तक नहीं ले रहे थे। इनके बिल की राशि लाखों रुपये पहुंच गई है।
कई मामले ऐसे हैं जिनमें पानी का मीटर भवन मालिक के नाम है लेकिन इसका इस्तेमाल किरायेदार कर रहे हैं। किरायेदार अपने नाम मीटर न होने पर बिल नहीं देना चाहते।
ऐसे में इनके कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं। पेयजल कंपनी ने कुछ महीने पहले भी चौड़ा मैदान एरिया में बिल न चुकाने वाले कई उपभोक्ताओं के पानी के कनेक्शन काट दिए थे।
इसके बाद अभियंताओं की ओर से दी रिपोर्ट पर कनेक्शन काटने के लिए दूसरी लिस्ट जारी हो गई है। कंपनी ने फील्ड स्टाफ को एक हफ्ते के भीतर इनके कनेक्शन काटने को कहा है।
पेयजल कंपनी के एजीएम हरमेश भाटिया ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसमें जो लोग बिल नहीं भर रहे और बिल लेने से भी मना कर रहे हैं, उनका पानी काटा जा रहा है।
आईजीएमसी के न्यू ओपीडी ब्लॉक में बिना अनुमति पेयजल लाइन जोड़ने का मामला सामने आया है। पेयजल कंपनी ने क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता को नोटिस जारी कर मामले की रिपोर्ट देने को कहा है।
अभियंता की रिपोर्ट के बाद आईजीएमसी प्रशासन को भी नोटिस जारी किया जाएगा। न्यू ओपीडी ब्लॉक में अभी कोरोना मरीजों को रखा है। इस नए ब्लॉक का निर्माण लोक निर्माण विभाग कर रहा है।
पेयजल कंपनी का कहना है कि आईजीएमसी और लोनिवि को बीते एक साल से नए कनेक्शन के लिए आवेदन करने को कहा जा रहा है। लेकिन अब तक आवेदन नहीं किया है।
अब करीब एक महीने पहले पाइपलाइन से न्यू ओपीडी ब्लॉक के लिए खुद ही पानी जोड़ दिया। इस बारे में कंपनी को सूचना तक नहीं दी गई।
रविवार को जब पेयजल सप्लाई न मिलने पर अस्पताल में पानी का संकट हुआ तो पता चला कि न्यू ओपीडी ब्लॉक के लिए अवैध तौर पर पेयजल लाइन जोड़ी है।
कंपनी के एजीएम हरमेश भाटिया ने कहा कि कोरोना मरीजों को देखते हुए इस ब्लॉक के लिए पानी की सप्लाई जारी रहेगी लेकिन बिना अनुमति कनेक्शन लेने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
लोनिवि के सहायक अभियंता बलदेव ठाकुर का कहना है कि विभाग से इसका कोई लेना देना नहीं है। इस बारे में आईजीएमसी ही बता सकता है कि कैसे और किसने यह लाइन जोड़ी है।