यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 26-04-2022
अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार पर पुलिस तुरंत से अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत एफआई आर दर्ज करे। यह बात हि.प्र. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने जिला परिषद सभागार कुल्लू में अनुसूचित जाति वर्ग के लिये संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि जिला में वर्ष 2018 के दौरान अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अत्याचार के 123 मामले दर्ज किये गए हैं। वर्ष 2015 से अभी तक कुल 202 मामले दर्ज हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत बार पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी करती है जिससे पीड़ित व्यक्ति को न्याय नहीं मिल पाता। उन्होंने अनुसूचित जाति के चुने हुए प्रतिनिधियों से यह भी आग्रह किया कि किसी के बहकावे में आकर झूठा मामला न बनवाए। इससे समाज में समरसता को विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ शरारती तत्व हमेशा रहते हैं जो समाज को तोड़ने की कोशिश मे लगे रहते हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है। न्यायिक शक्तियों व कार्य कलापों पर अधिनियम बनाएगा आयोग। आयोग के गठन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए वीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग विशेषकर अनुसूचित जाति समुदायों के साथ असमानता , अन्याय तथा अत्याचार के मुद्दे का समाधान करवाने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है। प्रदेश में आयोग का गठन 2017 में किया गया और हाल ही में आयोग का पुनर्गठन अगस्त, 2021 में हुआ है।
आयोग का कार्यालय हि.प्र. सचिवालय शिमला के समीप स्थित है। आयोग का कार्य अनुसूचित जाति के लोगों को शोषण से बचाना तथा उनके सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक हितों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि आयोग को न्यायिक शक्तियां भी प्राप्त है और आयोग जल्द ही इस बारे अधिनियम बनाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग की जिम्मेवारी है कि अनुसूचित जाति वर्ग के साथ किसी प्रकार का सामाजिक, आर्थिक अथवा प्रशासनिक कारणों से प्रदेश के किसी भी संस्थान में हो रहे अत्याचार के मामलों में न्याय प्रदान करवाया जाए। आयोग के कार्यालय में आ रही इस प्रकार की शिकायतों का त्वरित समाधान करना भी आयोग का दायित्व है।
आयोग के न्यायिक सदस्य अशोक चौहान, एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक नीरज गुप्ता, पंचायती राज संस्थानों व नगर पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि, अन्य गैर सरकारी सदस्य तथा समस्त विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।