जड़ी-बूटियों की तस्करी में विभाग के हाथ लगे पांच तस्कर।  13 किलो जंगली लहसुन बरामद 

लाहौल घाटी में जड़ी बूटियों के अवैध कारोबार में संलिप्त तस्करों पर वन विभाग ने नकेल कस दी है। विभाग को जड़ी बूटियों के अवैध तस्करों को लेकर बार-बार शिकायतें मिल रही थीं। किलाड़ से सटे तिंदी क्षेत्र में गश्त के दौरान वन विभाग की टीम ने जंगली जड़ी-बूटी की अवैध तस्करी के आरोप में 5 लोगों को धर दबोचा

जड़ी-बूटियों की तस्करी में विभाग के हाथ लगे पांच तस्कर।  13 किलो जंगली लहसुन बरामद 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - केलांग  20-07-2023
 
लाहौल घाटी में जड़ी बूटियों के अवैध कारोबार में संलिप्त तस्करों पर वन विभाग ने नकेल कस दी है। विभाग को जड़ी बूटियों के अवैध तस्करों को लेकर बार-बार शिकायतें मिल रही थीं। किलाड़ से सटे तिंदी क्षेत्र में गश्त के दौरान वन विभाग की टीम ने जंगली जड़ी-बूटी की अवैध तस्करी के आरोप में 5 लोगों को धर दबोचा है। विभाग ने वन अधिनियम 1927 की धारा 68 के तहत इन तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 
 
 
वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने बताया कि लाहौल वन मंडल के तिंदी रेंज की एक वन गश्ती टीम ने अपने नियमित गश्त के दौरान अवैध रूप से निकाले गए जंगली लहसुन ( फ्रिटिलारिया सिरोसा ) के साथ पांच लोगों को पकड़ा है। संरक्षित वन क्षेत्र के पास तिंदी वन बीट के केण रेंज वन अधिकारी तिंदी वीरभद्र सिंह ने इसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। वन मंडल अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल ने 13 किलोग्राम ताजा जंगली लहसुन जब्त किया है। 
 
 
व्यक्तियों की पहचान हसन पुत्र गुलाम मोहम्मद, लतीफ पुत्र सेबर, प्यारदीन पुत्र हसन, हाशम पुत्र प्यारदीन, हामिद पुत्र अब्दुल लतीफ सभी निवासी ग्राम ढांड डाकघर कथेल, तहसील तीसा , जिला-चंबा के निवासी हैं। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 68 के तहत मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों से 30 हजार का जुर्माना वसूला गया है। 
 
 
वन मंडल अधिकारी लाहुल अनिकेत वानवे ने कहा कि लाहुल का वन क्षेत्र और इसकी जैव विविधता विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों के लिए प्रसिद्ध है। यहां केवल प्रत्येक वन क्षेत्र के अधिकार धारकों को ही इसकी अनुमति है। लाहौल वन मंडल के कर्मचारी अवैध कटाई के साथ-साथ अस्थिर कटाई प्रथाओं पर जांच सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी कर रहे हैं । इन जैव विविधता से समृद्ध वनों के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए कानून के तहत सूचीबद्ध प्रजातियों के लिए निष्कर्षण के साथ-साथ पारगमन परमिट की उचित अनुमति आवश्यक है।