आपदा के लिए केंद्र से नहीं मिली आर्थिक मदद , सुक्खू ने अमित शाह से मांगी दो हजार करोड़ की अंतरिम राहत 

हिमाचल प्रदेश में आपदा कम से कम 7 से 8 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हुई है। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार से अभी इस आपदा के लिए हमें रिलीफ फंड नहीं मिला है। 188 करोड़ रुपए की जो राशि हिमाचल को मिली है , वह रूटीन है। चाहे आपदा भी नहीं आती , तब भी यह पैसा मिलना था। मुक्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की और कम से कम 2 हजार करोड़

आपदा के लिए केंद्र से नहीं मिली आर्थिक मदद , सुक्खू ने अमित शाह से मांगी दो हजार करोड़ की अंतरिम राहत 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  14-07-2023

हिमाचल प्रदेश में आपदा कम से कम 7 से 8 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हुई है। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार से अभी इस आपदा के लिए हमें रिलीफ फंड नहीं मिला है। 188 करोड़ रुपए की जो राशि हिमाचल को मिली है , वह रूटीन है। चाहे आपदा भी नहीं आती , तब भी यह पैसा मिलना था। मुक्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की और कम से कम 2 हजार करोड़ रुपए की अंतरिम राहत राशि देने का आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने पिछले साल की 15वें वित्त आयोग की डीयू 315 करोड़ की राशि को भी गृह मंत्री से रिलीज करने की मांग की है, ताकि तबाह हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाया जा सके। 
 
 
अब तक की आपदा से 37 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 16 लोग लापता है। सुक्खू ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की है और प्रदेश में बंद व खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत के लिए बजट देने का आग्रह किया। प्रदेश में इस आपदा से 40 से अधिक पुल टूट गए। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने साधनों से भी राहत देने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने 1100 करोड़ की राशि स्टेट फंड से जारी कर दी है। आपदा आने के बाद 75 करोड़ सभी डीसी को दिए। आज 188 करोड़ की राहत भी सभी जिलों को दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक आपदा कोष 2023 स्थापित करने का निर्णय लिया। पिछले 50 सालों में प्रदेश में ऐसी आपदा कभी नहीं देखी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी से आपदा कोष में दान करने की अपील की। 
 
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल अपने एक महीने की सैलरी आपदा कोष में देंगे। भाजपा विधायकों से भी इसे लेकर आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईएएस ऑफिसर एसोसिएशन , एचएएस सहित बीडीओ , बागवानी अधिकारी , जेबीटी संघ , स्कूल लेक्चरर संघ ने एक दिन की सैलरी आपदा कोष में देने का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार को दिल्ली से केंद्रीय टीम आ रही है, जो हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करेगी। यह टीम प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान का आकलन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण प्रदेश में 75 हजार टूरिस्ट फंस गए थे। इनमें से 67 हजार पर्यटक सुरक्षित रेस्क्यू कर लिए है। शेष बचे पर्यटक अब अपने वाहनों को साथ ले जाने पर अड़े हुए हैं। उ
 
 
न्होंने कहा कि चंद्रताल से रेस्क्यू सबसे कठिन था। इसके लिए उन्होंने राजस्व मंत्री जगत नेगी सहित एनडीआरएफ , आईटीबीपी , पुलिस जवानों और स्थानीय लोगों की प्रशंसा की। सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हमने 60 घंटे में 67 हजार लोग सुरक्षित निकाले। बिजली , पानी , सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराई। टूरिस्ट का रेस्क्यू करने के बाद सरकार का ध्यान अब इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर रहेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सेब सीजन के दृष्टिगत विभिन्न विभागों की मीटिंग ली। इसमें उन्होंने सेब बेल्ट की सड़कें जल्द बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को मशीनरी खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। सीएम ने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण सोलन जिले के शामती क्षेत्र में 50 घर खाली करवा लिए गए हैं। उन्होंने तत्काल राहत के रूप में प्रभावितों को प्रति परिवार एक-एक लाख रुपए राहत प्रदान करने के भी निर्देश दिए।