सैंज घाटी में बाढ़ से भारी तबाही ,100 साल पूर्व बसे सैंज बाजार का 40 फीसदी हिस्सा पूरी तरह तबाह 

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सैंज घाटी की 15 पंचायतों के केंद्र सैंज बाजार को बाढ़ ने उजाड़ कर रख दिया है। 100 साल पूर्व बसे सैंज बाजार का 40 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से तबाह

सैंज घाटी में बाढ़ से भारी तबाही ,100 साल पूर्व बसे सैंज बाजार का 40 फीसदी हिस्सा पूरी तरह तबाह 

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू     21-07-2023

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सैंज घाटी की 15 पंचायतों के केंद्र सैंज बाजार को बाढ़ ने उजाड़ कर रख दिया है। 100 साल पूर्व बसे सैंज बाजार का 40 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया है। 52 घर और दुकानें तिनके की तरह बह गए। 

घर के साथ इनका कारोबार भी छिन गया है। बीते 10 जुलाई को पिन पार्वती नदी में आई बाढ़ में देखते ही देखते बड़े-बड़े भवन ताश के पतों की तरह ढह कर बह गए। लोगों को सामान निकालने तक का मौका नहीं मिला। राजू, तीर्थ राम और निर्मला के एक-एक करोड़ रुपये के मकान भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए। 

सबतो देवी, हेमराज, राजकुमार व कन्हैया लाल सहित पांच से छह लोगों के पुश्तैनी काष्ठकुणी मकानों का नामोनिशान तक मिट गया है। ये परिवार अब एक निर्माणाधीन घर में शरण लिए हुए हैं। बुजुर्ग कहते हैं कि सैंज बाजार में करीब 100 साल पहले कोई बस्ती नहीं थी।

यहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं थी। सबसे पहले सैंज में कांगड़ा से व्यापारी आए थे और सामान की एवज में अनाज या जड़ी-बूटियां दिया करते थे। बढ़ती व्यापारिक गतिविधियां देख धीरे-धीरे आसपास के ग्रामीणों ने भी सैंज की तरफ अपना रुख कर लिया। सैंज की बस्ती ने कस्बे का रूप धारण कर लिया।

1995 में इसे उप तहसील का दर्जा मिला। वर्ष 2000 में सैंज में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी पार्वती जल विद्युत परियोजना आई। देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में सड़कों के जाल बिछ गए। 

तहसीलदार सैंज हीरा चंद नलवा ने बताया कि अभी तक सैंज बाजार के 52 प्रभावितों सहित 75 लोगों को एक-एक लाख रुपये की फौरी राहत राशि दे दी है। 10 जुलाई को भारी बारिश से पिन पार्वती सैंज नदी के रौद्र रूप ने सब कुछ तबाह कर दिया। सैंज बाजार का नक्शा ही बदल दिया है।