संडे को बरड़ बस्ती ओयली के बच्चों को टीचर ने बताया शिक्षा का महत्व और अहमियत 

हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। शिक्षक भी इस दिशा में अपना योगदान देने में पीछे नहीं है। ऐसे ही शिक्षक हैं, सोलन जिला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटला के

संडे को बरड़ बस्ती ओयली के बच्चों को टीचर ने बताया शिक्षा का महत्व और अहमियत 
 
 यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  29-05-2022

हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। शिक्षक भी इस दिशा में अपना योगदान देने में पीछे नहीं है। ऐसे ही शिक्षक हैं, सोलन जिला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटला के। कोटला सीसे स्कूल में कार्यरत डीपीई और टीजीटी ने पाया कि उनके  स्कूल कॉम्प्लेक्स के अधीन आने वाले राजकीय मिडिल स्कूल बागड़ के कुछ बच्चों की शिक्षा पर प्राइमरी या मिडिल के बाद ही विराम लग जाता है। 
 
 
उन्होंने ऐसे बच्चों को चिह्नित किया और उन्हें जागरूक करने का फैसला लिया ताकि सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़े। सोलन जिला के ओयली गांव में बरड़ समुदाय की बस्ती है। इनमें कम ही बच्चे आठवीं के बाद शिक्षा लेते हैं। डीपीई केवल राम ने अपने ओल्ड स्टूडेंट और इसी बस्ती के रहने वाले पाली राम की भी मदद ली और बच्चों को शिक्षा की अहमियत के बारे में जागरूक करने का फैसला लिया ताकि सरकारी स्कूलों में बच्चे दाखिला लें। 
 
 
संडे को प्राथमिक स्कूल ओयली में ओयली बरड़ बस्ती के बच्चों के लिए शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों व उनके अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्हें बताया कि शिक्षा उनके जीवन में किस तरह परिवर्तन ला सकती है।  कोटला स्कूल के डीपीई केवल राम ने कहा कि शिक्षा जीवन का प्रमुख अंग है। 
 
 
शिक्षा के प्राणी के मानसिक, शारीरिक , भौतिक, आध्यात्मिक , सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, प्राकृतिक विकास में अभूतपूर्व योगदान रहा है। जीवन जीने की कला का आधार, अभ्यास, आचरण ही विद्या है।  विचार, कर्म, चिंतन-मनन, सोच समझ का माहौल विद्या प्रदान करती है। प्राणी का समग्र विकास ही शिक्षा है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह अधिक अपने बच्चों को शिक्षित करने में अपना सहयोग दें।
 

 सीसे स्कूल कोटला के टीजीटी (नॉन मेडिकल)  राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि विद्या का अर्थ है लोकोपयोगी ज्ञान। यह है विद्या जो मजबूती प्रदान करती है। विद्या किसी विशेष आयु, सीमा के बंधन से मुक्त है। विद्या का जीवन पर्यन्त का साथ है। विद्या सदाचार , मानवता , कर्तव्यनिष्ठा , सहिष्णुता , सदवृति , सेवावृत्ती , साधना वृत्ति पैदा करती है। उन्होंने कहा कि विद्या सहकार , सहयोग , आत्म विश्वास को जोड़ती है।
 
 
 उन्होंने बताया कि शिक्षा का जीवन में क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा सुविधाओं का उन्हें लाभ उठाना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो। इस मौके पर धूमन प्राथमिक स्कूल के टीचर मोहन लाल, समाजसेवी दर्शन सिंह पुंडीर भी मौजूद रहे। बाद में बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी दी गई।