न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 09-04-2021
दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से जारी किसान आंदोलन के कारण बाधित हो रहे नोएडा-दिल्ली मार्ग का मुद्दा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उठा। नोएडा की एक महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सड़कों को बाधित नहीं करना चाहिए। सड़कों पर यातायात की मुक्त प्रवाह होना चाहिए। अब सवाल यह है कि किसान इस सड़क को खाली करेंगे।
करीब पांच माह से जारी किसान आंदोलन के कारण से दिल्ली से विभिन्न राज्यों की लगने वाली सीमाओं पर सड़कें बंद हैं। दिल्ली से गाजियाबाद आने के लिए तो रास्ते खुले हैं, लेकिन दिल्ली की तरफ जाने वाली सड़कों को एहतियातन नहीं खोला गया। आंदोलन के शुरुआती दिनों में नोएडा की सड़कें भी बाधित रहीं, जिसके खिलाफ नोएडा की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
शुक्रवार को याचिका की सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए। याचिका में नोएडा-दिल्ली के बीच बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़क खाली कराने का दिशा-निर्देश देने की मांग की थी। याचिका पर कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर यातायात मुक्त होना चाहिए।