यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 15-04-2022
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चंबा में आयोजित राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह के मौके पर जिलाधीश आशुतोष गर्ग को सम्मानित किया। उन्हें यह पुरस्कार जिला की ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना करने की हिमाचल प्रदेश में अनुपम पहल के लिये सम्मानित किया गया है। सम्मान के लिये जिला अधिकारियों, पंचायती राज संस्थानों व नगर निकायों के प्रतिनिधियों व बुद्धिजीवी लोगों की ओर से आशुतोष गर्ग को अनेक बधाई संदेश मिल रहे हैं। डीसी ने इसका श्रेय अधिकारियों की पूरी टीम व पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के प्रयासों को दिया है।
बता दें कि जिलाधीश आशुतोष गर्ग के ज़हन में काफी अरसे से ऐसी कशमकश चल रही थी कि युवाओं को उनके घर-द्वार के समीप चौबीस घण्टे बारहमासी इंटरनेट सुविधा से लैस एक ऐसे पुस्तकालय की स्थापना की जाए जहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं सहित सभी आयुवर्ग के लोगों की रूचि की पुस्तकें उपलब्ध हों। शिक्षार्थियों को अध्ययन के लिये एक ऐसा वातावरण तैयार हो जहां वे वाई-फाई के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं से सुगमतापूर्वक जुड़ सके। गरीब छात्रों के लिये सुगम व निःशुल्क पाठन सामग्री की उपलब्धता हो। इसके अतिरिक्त, युवाओं को नशे जैसी सामाजिक बुराईयों से दूर रखने तथा उनमें पढ़ने की आदत को विकसित करना भी उनकी सोच रही है।
अंततः आशुतोष गर्ग ने जिला की 11 ग्राम पंचायतों में एक साथ पुस्तकालयों की स्थापना की पहल करके जिला को प्रदेश का पहला जिला बनने का गौरव प्रदान किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर अटल जी की निवास स्थली ग्राम पंचायत प्रीणी से पहले चरण में स्थापित शानदार 11 ‘ज्ञान केन्द्रों’ का विधिवत लोकार्पण किया। इस अद्वितीय पहल की सराहना करते हुऐ मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में प्रदेश के अन्य जिलों में भी ज्ञान केन्द्रों की अवधारणा को अपनाया जाएगा और इन्हें अटल ज्ञान केन्द्र के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान केन्द्र ग्रामीण युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होंगे। उपायुक्त ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले कुछ सालों में चरणबद्ध ढंग से जिला की सभी 235 ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
अभी लगभग 25 ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है और ग्राम पंचायतों के प्रधान स्वयं इन केन्द्रों की स्थापना करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला में भूमि की अनुपलब्धता के कारण ज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिये किसी नये निर्माण की जरूरत को महत्व नहीं दिया जा सकता। इसके लिये ग्राम पंचायतों में महिला मंडल भवन, युवक मण्डल भवन, ग्राम पंचायत भवन अथवा कोई सार्वजनिक भवन अथवा बंद स्कूल का भवन या फिर स्कूल भवन का अतिरिक्त कमरा जो अनुपयोगी पड़ा हो, इसको इस्तेमाल में लाया जा सकता है। ग्राम पंचायत ज्ञान केन्द्र के लिये मौजूदा पंचायत भवन में चक्रवात आश्रय, मनरेगा अथवा 14वें/15 वित्तायेग के अंतर्गत राजीव गांधी सेवा केन्द्र के तौर पर कमरे का निर्माण कर सकती है।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि ज्ञान केन्द्रों में अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है। हर आयु वर्ग के लोग इन केन्द्रांें में आकर अपनी रूचि की पुस्तकें पढ़ते हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिये बड़ी संख्या में युवाओं का रूझान पुस्तकालयों में देखा जा सकता है। उन्होंने जिला के समस्त पंचायत प्रधानों से अपील की है कि अपनी-अपनी ग्राम पंचायत में ज्ञान केन्द्र खोलने के लिये विशेष रूचि लें ताकि पंचायत के लोगों को घर द्वार के समीप अध्ययन के लिये सुविधा प्राप्त हो। उपायुक्त ने कहा कि बेहतर सुविधाएं मुहैया करने वाली ग्राम पंचायतों को जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा में पुरस्कार भी प्रदान किये जाएंगे। इसके आकलन के लिये मानदण्ड तैयार कर लिये गये हैं।