तबादलों पर प्रतिबंध फिर भी हिमाचल में हो गए 9086 कर्मचारियों की ट्रासंफर जानिए विस्तार से 

तबादलों पर प्रतिबंध फिर भी हिमाचल में हो गए 9086 कर्मचारियों की ट्रासंफर जानिए विस्तार से 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-03-2021
हिमाचल में तबादलों पर भले ही प्रतिबन्ध था बावजूद इसके प्रदेश में छह महीनो में नौ हजार से अधिक कर्मचारियों की ट्रांसफर की गई। गत वर्ष  कोरोना के कारण देश भर में लॉक डाउन था। हिमाचल में भी मार्च महीने से लॉक डाउन शुरू हो गया और काफी लंबा चला।

मगर हैरानी की बात है कि लॉक डाउन के दौरान 6 महीने में 9086 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के तबादले हो गए। यह अचरज में डालने वाला आंकड़ा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश में तबादलों पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है बावजूद इसके तबादले हुए हैं और यह आंकड़े सरकार की तरफ से विधानसभा में पेश किए गए हैं।

विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान भी विपक्ष ने इसे लेकर हल्ला मचाया था तब भी सरकार ने इसपर गोलमोल बात कही लेकिन अब ये आंकड़े बता रहे हैं कि किस कद्र सरकार ने लॉक डाउन के दौरान भी तबादले कर दिए। जैसे-जैसे व्यवस्थाएं खुलती रहीं उस तरह से एक साथ इतनी सं या में तबादले हुए। 

अप्रैल महीने से अक्टूबर 2020 तक छह महीने के ये आंकड़े सामने आए हैं जिसमें 9086 कुल कर्मचारी तबदील हुए। जब बैन लगा हुआ था तो इतने तबादले आखिर कैसे हो गए यह खुद में बड़ा सवाल है। कर्मचारी उस समय लॉक डाउन की अनुपालना कम और तबादला करवाने में ज्यादा व्यस्त थे। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग में सबसे अधिक तबादले अंजाम दिए गए थे। जो आंकड़े सामने आए हैं उनमें बताया गया है कि प्रथम श्रेणी अधिकारियों के 1160 तबादले हुए।

इतने क्लास वन अधिकारी थे जिनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदला गया है। क्लास दो श्रेणी के ऐसे 316 अधिकारी थे जोकि विभिन्न विभागों में तैनात थे और उनको तबदील किया गया। अधिकांश लोगों ने खुद तबादले करवाए और कइयों के सरकार की तरफ से ही कर दिए गए।

तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की बात करें तो 6962 ऐसे विभिन्न विभागों के कर्मचारी हैं जिनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा गया है। वहीं चतुर्थ श्रेणी के तबादले हुए प्रदेश में किए गए जिनकी सं या 648 बताई जाती है। इतना ही नहीं अधिकारियों व कर्मचारियों को तबदील करने के साथ उनको टीए व डीए भी दिया गया है।

एक तरफ आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो दूसरी ओर तबादले के बाद उनको टीए व डीए देने पर 7 लाख 53 हजार 822 रूपए का खर्चा सरकार ने किया है। इससे स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।