नहीं रहे संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य पंडित सुखराम , एम्स में ली अंतिम साँस 

संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का बीती रात करीब डेढ़ बजे फिर से पड़ा दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दिल्ली स्थित एम्स में पंडित सुखराम ने रात्रि करीब डेढ़ बजे अंतिम सांस ली

नहीं रहे संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य पंडित सुखराम , एम्स में ली अंतिम साँस 
नहीं रहे संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य पंडित सुखराम , एम्स में ली अंतिम साँस 
नहीं रहे संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य पंडित सुखराम , एम्स में ली अंतिम साँस 
 

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  11-05-2022

 

संचार क्रांति के मसीहा और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का बीती रात करीब डेढ़ बजे फिर से पड़ा दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दिल्ली स्थित एम्स में पंडित सुखराम ने रात्रि करीब डेढ़ बजे अंतिम सांस ली।  बताते है कि बीती रात को पंडित सुखराम को फिर से दिल का दौरा पड़ा, जिस कारण उनका देहांत हो गया। इससे पहले 9 मई को भी उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें लाइफ स्पोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पोते आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दादा के निधन की जानकारी दी है। 
 
 
उन्होंने लिखा अलविदा दादा जी, अब नहीं बजेगी टेलीफोन की घंटी। 4 मई को मनाली में पंडित सुखराम को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था , जिसके बाद उन्हें जोनल अस्पताल मंडी में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था। 7 मई सुबह 9:30 बजे पंडित सुखराम को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर के माध्यम से दिल्ली ले जाया गया था। जहां एम्स में भर्ती करवाया गया। पंडित सुखराम 95 वर्ष के थे।  परिवार के सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज पंडित सुखराम की पार्थिव देह को दिल्ली से मंडी लाया जाएगा। 
 
 
गुरुवार सुबह 11 बजे पंडित सुखराम की पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए मंडी शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच पर रखा जाएगा। जिसके बाद हनुमान घाट स्थित श्मशान घाट पर उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंडित सुखराम के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सलापड़, सुंदरनगर, नाचन और बल्ह सहित मंडी सदर में बड़ी संख्या में लोग पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचेंगे। प्रदेश समेत देश की राजनीति में सुखराम का प्रभाव रहा है। 
 
 
केंद्र सरकार में सुखराम मंत्री पद पर भी आसीन रहे हैं। प्रदेश और देश में संचार क्रांति के लिए भी उन्हें जाना जाता है। हालांकि केंद्र में दूरसंचार मंत्री रहते हुए सुखराम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और सीबीआई द्वारा छापेमारी के दौरान उनके बंगले से करोड़ों रुपये बरामद किए गए। बाद में आरोप साबित होने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
 
 
सुखराम ने सदर विधानसभा क्षेत्र से 13 बार चुनाव लड़े और हर बार जीत हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा के चुनाव भी लड़े और केंद्र में अलग-अलग मंत्री पद पर आसीन हुए ,1984 में सुखराम ने कांग्रेस के टिकट से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत से जीत कर संसद पहुंचे।