न्यूज़ एजेंसी - जयपुर 19-07-2021
कहते है की मनुष्य अगर मेहनत करने की ठान ले तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे सफल होने से रोक नहीं सकती। कुछ ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है राजस्थान के जोधपुर जिले से, जहां एक सामान्य कचरा साफ करने वाली महिला अब एसडीएम बनकर काम करेगी।
जिस महिला को पुर इलाके में कोई पहचानता ही ना हो, वह अब इलाके की एसडीएम के रूप में अपनी सेवा शुरू करने जा रही है। जोधपुर नगर निगम में सफाई कर्मी का काम करने वाली आशा कंडारा नाम शुरुआत से ही अपना बड़ा नाम करने चाहती थी।
हालांकि समय के साथ हुये संघर्ष के कारण वह अब तक सामान्य सफाई कर्मचारी का काम कर रही थी। आठ साल पहले अपने पति के साथ तलाक होने के बाद दोनों बच्चो की जिम्मेदारी आशा के कंधो पर आ गई। जिसे उसने सफाई कर्मचारी बने हुए पूर्ण किया। हालांकि यहाँ पर भी अपनी नौकरी को परमानेंट करने के लिए उन्होंने काफी लड़ाइयाँ लड़ी।
मीडिया के साथ बातचीत करते वक्त आशा ने कहा कि वह जब काम पर आती थी तो अपनी किताबें साथ में लेकर ही आती है। जहां भी उसे समय मिलता वह वही पढ़ने बैठ जाती। जैसे ही उसे समय मिलता उसकी स्कूल शुरू हो जाती। सफाई कर्मचारी का काम करते-करते ही उसने यूपीएससी की परीक्षा भी पास की, इसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की परीक्षा भी पास की।
आशा कहती है कि उन्होंने कभी भी अपने जीवन में उम्मीद नहीं छोड़ी और ना ही कभी हार मानी। जिसके चलते आज वह इस मुकाम पर पहुंची है। आशा की कहानी निश्चित तौर पर ही उन हजारों लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो सरकारी परीक्षा की तैयारियां कर रहे है। खास कर के उन महिलाओं के लिए आशा एक मिसाल है, जो घरेलू जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने सपनों को दबा देते है।