वाह ! नाहन 85 वर्षीय एसएस शर्मा ने राज्यस्तरीय मास्टर्स गेम्स झटके 3 गोल्ड

कहते हैं कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी करना कठिन नहीं ऐसा ही कुछ कर दिखाया है नाहन शहर के रहने वाले 85 वर्षीय एसएस शर्मा ने।

वाह ! नाहन 85 वर्षीय एसएस शर्मा ने राज्यस्तरीय मास्टर्स गेम्स झटके 3 गोल्ड
डा. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी में आयोजित राज्यस्तरीय मास्टर्स गेम्स प्रतियोगिता 

शॉट फुट,जेवेलियन थ्रो डिस्कस थ्रो में जीते स्वर्ण पदक 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   22-11-2021
 
कहते हैं कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी करना कठिन नहीं ऐसा ही कुछ कर दिखाया है नाहन शहर के रहने वाले 85 वर्षीय एसएस शर्मा ने।
 
दरअसल हिमाचल प्रदेश मास्टर्स गेम्स एसोसिएशन द्वारा कृषि विश्वविद्याय नौणी में दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।
 
इस प्रतियोगिता में भाग लेकर नाहन शहर के 85 वर्षीय एसएस शर्मा ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए 3 गोल्ड मेडल जीतकर एक मिसाल कायम की है। एसएस शर्मा ने शॉटपुट, जेवेलियन थ्रो व डिस्कस थ्रो में भाग लेकर गोल्ड मेडल हासिल किए।
 
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि करीब 4 साल पहले उन्होंने शॉट पुट प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर पहले भी राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीता था मगर यह पहला मौका था जब उन्होंने डिस्कस थ्रो और जेवेलियन थ्रो में हिस्सा लिया। 
 
उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते पिछले 2 साल से इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो पा रहा था इस बार प्रतियोगिता के लिए उन्होंने नाहन में प्रैक्टिस और उन्हें इसमें कामयाबी हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में वह सबसे ज्यादा आयु वाले खिलाड़ी थे।
 
उन्होंने आयोजकों को भी बधाई दी और कहा कि वरिष्ठ खिलाड़ी होने के नाते उन्हें इस दौरान पूरा मान सम्मान दिया गया , जिसके लिए वह आयोजकों का शुक्रिया अदा करते है।
 
एसएस शर्मा की इस उपलब्धि से नाहन शहर वासी भी  बेहद खुश है। एसएस शर्मा के पड़ोसी व हाउसिंग बोर्ड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने बताया कि शहर व सिरमौर जिला के लिए बेहद खुशी का विषय है कि यहां से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति ने यह उपलब्धि हासिल की है।
 
उन्होंने कहा कि इस उम्र में यह उपलब्धि हासिल करना अपने आप में काबिले तारीफ है और अन्य लोगों को भी इन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कुल मिलाकर यह साफ है कि यदि मन में यदि मन मे कुछ कर गुजरने की ठान ली जाए तो कुछ भी करना कठिन नहीं है।