हिमाचल के सरकारी स्कूलों के लिए सेनेटरी मशीनें और इंसीनरेटर देने को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10 से 19 साल की छात्राओं को माहवारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन लेने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। राज्य सरकार छात्राओं को स्कूलों में ही सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल के 2,689 सरकारी स्कूलों के लिए सेनेटरी मशीनें और इंसीनरेटर देने को मंजूरी दे दी

हिमाचल के सरकारी स्कूलों के लिए सेनेटरी मशीनें और इंसीनरेटर देने को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       24-08-2022

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10 से 19 साल की छात्राओं को माहवारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन लेने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। राज्य सरकार छात्राओं को स्कूलों में ही सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल के 2,689 सरकारी स्कूलों के लिए सेनेटरी मशीनें और इंसीनरेटर देने को मंजूरी दे दी है। 

केंद्र सरकार ने छात्राओं की सुविधा के लिए हिमाचल सरकार के प्रस्ताव को बीते दिनों हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में मंजूरी दी है। मंगलवार को इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है।  

केंद्र सरकार ने प्राथमिक स्कूलों और 1,104 माध्यमिक स्कूलों में सेनेटरी मशीनें और इंसीनरेटर स्थापित करने को मंजूरी दी है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों को अब सेनेटरी नैपकिन लेने के लिए किसी तरह की शर्मिंदगी या झिझक का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इस मशीन से आसानी से सेनेटरी नैपकिन प्राप्त हो जाएगा। एक अलग मशीन में प्रयोग किए गए नैपकिन को नष्ट करने की सुविधा मिलेगी। लड़कियों को इंफेक्शन से बचाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। अधिकांश लड़कियों में नैपकिन खरीदने को लेकर संकोच रहता है। वे मेडिकल स्टोर में जाकर सेनेटरी नैपकिन लेने से परहेज करती हैं। ऐसे में इन मशीनों के लगने से लड़कियों को बड़ी राहत मिलेगी। 

समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसी कड़ी में उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पूर्व में स्थापित मशीनों की जानकारी एक सप्ताह में देने को कहा है। 

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि हर स्कूल को कवर किया जा सके, इसके लिए जानकारी एकत्र की जा रही है। अगर पूर्व में लगाई गई मशीनें खराब हुई हैं तो उन्हें भी नई से बदला जा सकेगा।