19 व 20 जून को देवना में होगा धार्मिक अनुष्ठान , मंदिर में चढ़ेगी 36 फुट लम्बी खुनेवड़

जिला सिरमौर के नोहराधार तहसील के गांव देवना मे 19 व 20 जून को श्री विजट महाराज मंदिर के पुनर्निर्माण के समापन पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होगा , जिसमें 17 जून को श्री विजट महाराज को ग्रामवासी हर की पौड़ी गंगा स्नान हेतु ले जायेंगे व 18 जून को यह यात्रा हरिद्वार से चूड़धार जायेगी

19 व 20 जून को देवना में होगा धार्मिक अनुष्ठान , मंदिर में चढ़ेगी 36 फुट लम्बी खुनेवड़

यंगवार्ता न्यूज़ - हरिपुरधार  16-06-2023

जिला सिरमौर के नोहराधार तहसील के गांव देवना मे 19 व 20 जून को श्री विजट महाराज मंदिर के पुनर्निर्माण के समापन पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होगा , जिसमें 17 जून को श्री विजट महाराज को ग्रामवासी हर की पौड़ी गंगा स्नान हेतु ले जायेंगे व 18 जून को यह यात्रा हरिद्वार से चूड़धार जायेगी। 19 जून प्रातः शिवलिंग पर पूजा के पश्चात यात्रा देवना वापस आयेगी जहां भजन कीर्तन के साथ जागरण होगा। 
 
 
अनुष्ठान की मुख्य पूजा 20 जून को होगी जब विजट महाराज के हजारो भक्त लगभग डेढ किलोमीटर दूर से 36 फुट लम्बी खुनेवड़ को कंधे पर उठाकर मंदिर तक लाएंगे। मंदिर के प्रमुख पुजारी देव राज भारद्वाज , वेद प्रकाश भारद्वाज , राम स्वरूप भारद्वाज भंडारी धर्मपाल भारद्वाज ,  मुख्य देव किंकीर , पृथ्वी  सिह , पुडीर मोदी , सुनील पुंडीर तथा चंद्रदेव पुंडीर एवं अन्य ग्राम निवासी आजेंद्र पुंडीर, सतपाल रामस्वरूप, गोपाल चौहान ,धर्मपाल पुंडीर जगमोहन पुंडीर, रामगोपाल, जयप्रकाश पुंडीर , ब्रह्मानंद शर्मा , भगत सिंह पुंडीर , कीरत सिंह व कपिल पुंडीर आदि ने बताया कि इस महोत्सव पर लगभग 15000 लोगों के आगमन की अपेक्षा है जिसके लिए लगभग 100 गांव को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण दिए जा चुके हैं। 
 
 
गौरतलब है कि विजिट महाराज को शिरगुल महाराज के छोटे भाई के रूप में जाना जाता है तथा संपूर्ण रेणुका क्षेत्र के अधिकतर गांव में इन्हें कुलिष्ट के रूप में पूजा जाता है। विजट महाराज का देवना स्थित मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है तथा खुनेवड़ स्थापना का यह महोत्सव लगभग 150 वर्ष मनाया जा रहा है। स्थानीय लोगों में विजट महाराज के प्रति अटूट आस्था है तथा इन्हे शक्तिशाली स्थानीय देवता के रूप में जाना जाता है। 
 
 
लोगों का विश्वास है कि विजिट महाराज न केवल उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से भी संपूर्ण क्षेत्र की रक्षा करते हैं। इस मंदिर में प्रत्येक तीसरे वर्ष शांत महोत्सव का आयोजन  भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त मंदिर में प्रतिदिन सुबह शाम दोनों समय नियमित पूजा की जाती है।