कोरोना से अनाथ बच्चों को दस लाख देने का फैसला सराहनीय कदम : कुलदीप शर्मा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 30-05-2021
कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश के लाखो लोगो की जीवन लीला समाप्त कर ली। जिन्होंने इस महामारी में अपने माता पिता जी को खो दिया हैं और वह अनाथ हो गए है।
ऐसे बच्चों के जीवन यापन करने के व उन बच्चों का भविष्य खराब न हो। ऐसे बच्चों के लिए इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी देखभाल करना और उन्हें सुनहरा भविष्य देने के लिए स्रानीय कदम उठाए हैं।
भाजपा मीडिया प्रभारी कुलदीप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की हैं कि पीएम केयर्स के योगदान से एक विशेष योजना के तहत प्रत्येक बच्चे जिन्होंने अपने अभिभावकों को हमेशा के लिए खो दिया हैं ऐसे बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का कोष सृजित किया जाएगा।
जब बच्चा 18 वर्ष का होगा उसे इस कोष से पांच साल तक मासिक आर्थिक मदद दी जाएगी। ताकि वह अपनी जरूरतों और उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
23 की उम्र होने पर उसे इस कोष की 10 लाख रुपये की रकम एकमुश्त दी जाएगी। ताकि वह अपनी निजी और व्यवसायिक जरूरतें पूरी कर सके।
इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे का नजदीक के केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में प्रवेश कराया जाएगा।
अगर बच्चे का दाखिला प्राइवेट स्कूल में होता है, तो उसकी फीस आरटीई नियमों के मुताबिक पीएम केयर्स से दी जाएगी। इतना ही नहीं पीएम केयर्स बच्चे की यूनीफार्म और कापी किताबों का भी खर्च उठाएगा।
11 से 18 वर्ष के बच्चों का एडमीशन किसी भी केंद्र सरकार के आवासीय स्कूल जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में कराया जाएगा।
व्यवसायिक शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण लेने में मदद की जाएगी। मौजूदा योजनाओं के मुताबिक शिक्षा ऋण लेने में मदद की जाएगी और इस ऋण का ब्याज पीएम केयर्स से दिया जाएगा।
कुलदीप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अनाथ हुए बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा दिए जाना भी स्वागत योग्य है। बीमा का प्रीमियम 18 वर्ष की आयु तक पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।