अब घरों में भी पैदा की जा सकेगी प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम 

अगर हिमाचल प्रदेश खुम्ब अनुसंधान निदेशालय की जुगत काम आई तो प्रदेश के साथ साथ देश के लोगों को प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम मिल जाएगी

अब घरों में भी पैदा की जा सकेगी प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम 

दिमागी शक्ति बढ़ाने वाली औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम किया जा रहा शोथ 

हिमाचल प्रदेश खुम्ब अनुसंधान निदेशालय की मिली सफलता 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन     16-02-2023

अगर हिमाचल प्रदेश खुम्ब अनुसंधान निदेशालय की जुगत काम आई तो प्रदेश के साथ साथ देश के लोगों को प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम मिल जाएगी। देश के हिमालय से सटे क्षेत्रों समेत चीन, नेपाल और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में दिमागी शक्ति को बढ़ाने में कारगर प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम अब देशभर में तैयार हो सकेगी।

इस मशरूम को तैयार करने के लिए खुम्ब अनुसंधान निदेशालय शोध कर रहा है। यह गुच्छी मशरूम की एक प्रजाति है। इसमें कई औषधीय गुण मौजूद हैं। वर्तमान में यह मशरूम सिर्फ 14 डिग्री तापमान तक ही उगती है। वैज्ञानिक इसे 20 से 22 डिग्री पर तैयार करने पर शोध कर रहे हैं। शोध में सफलता मिलने पर इस मशरूम को किसी भी मौसम में तैयार किया जा सकेगा। 

हालांकि अभी तक एनोकी मशरूम का उपयोग जापानी, चीनी और कोरियाई व्यंजनों में ही किया जाता है। ये हल्के स्वाद और कुरकुरी बनावट के साथ लंबे , पतले, सफेद कवक होते हैं, जो आमतौर पर सलाद, स्टिर-फ्राइज और दूसरे व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाते हैं। एनोकी मशरूम को दुनिया के कई क्षेत्रों में उनके चिकित्सीय गुणों की वजह से भी महत्व दिया जाता है। 

सुनहरे रंग की यह मशरूम प्राकृतिक रूप से पेड़ के ठूंठों पर उगती है। इस मशरूम में कई औषधीय गुण हैं। इस मशरूम के खाने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। खुंब निदेशालय के वैज्ञानिक इसे लकड़ी के बुरादे पर तैयार कर रहे हैं। यही नहीं, इसे सफेद रंग देने पर भी शोध किया जा रहा है, ताकि सुंदर दिखने के साथ-साथ इसकी बाजार में मांग भी बढ़े। 

हिमाचल प्रदेश खुम्ब अनुसंधान निदेशालय सोलन के निदेशक डा. वीपी शर्मा ने बताया कि निदेशालय द्वारा दिमागी शक्ति को बढ़ाने में सहायक एनोकी मशरूम पर शोध किया जा रहा है। भारत के कुछ हिमालय क्षेत्रों सहित विदेशों में इसे तैयार किया जा रहा है। 

यह मशरूम बहुत कम तापमान पर तैयार होती है। वैज्ञानिक इसे 20 से 22 डिग्री तापमान पर तैयार करने पर शोध कर रहे हैं। जिसके बाद देश के किसी भी हिस्से में इस मशरूम को तैयार किया जा सकेगा।