अब शिमला में ड्रोन से एकत्रित होंगे ब्लड सैंपल , मंडी के बाद राजधानी में होगा ट्रायल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन की सेवाएं बेहतर तरीके से लागू करने के बाद अब शिमला में इस योजना को शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन के माध्यम से सूचीबद्ध की गई निजी कंपनियों से इस संदर्भ में सेवाएं लेने की तैयारी शुरू कर दी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-05-2023
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन की सेवाएं बेहतर तरीके से लागू करने के बाद अब शिमला में इस योजना को शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन के माध्यम से सूचीबद्ध की गई निजी कंपनियों से इस संदर्भ में सेवाएं लेने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही जिला शिमला में भी ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य जांच के लिए सैंपल उठाए जाएंगे। इसके लिए क्वार्ड, हैक्जा, ओक्टा और वीटॉर कॉप्टर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरे प्रदेश में ड्रोन की सेवाएं लेने का फैसला लिया है।
मंडी जिला में यह प्रयोग सफल रहा है। अब दूसरे चरण में जिला शिमला में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के लिए सैंपल लेने को वीटॉल ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह ड्रोन लंबी दूरी की उड़ान भरने में सक्षम हैं। यह करीब 300 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में कारगर है। इन ड्रोन को स्वास्थ्य क्षेत्र में वैक्सीन, दवाइयां, खून के सैंपल और टेस्ट रिपोर्ट सहित अन्य सामग्री के आदान-प्रदान करने में प्रयोग किया जाएगा। इससे मरीजों को बेहतर और कम समय में सेवाएं मिलेंगी। जिला मंडी में अभी तक तीन प्रकार के ड्रोन का इस्तेमाल स्वास्थ्य विभाग कर चुका है। इसमें क्वार्ड कॉप्टर, हैक्जा कॉप्टर और ओक्टा कॉप्टर शामिल हैं।
इन सभी ड्रोन का प्रयोग कम दूरी के लिए किया जा रहा था और इनमें बैटरी भी अधिक खर्च होती है। अब लंबी दूरी के लिए वीटॉल कॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। यह जमीन से तो एक ड्रोन की तरह उड़ान भरता है, मगर आसमान में यह प्लेन की तरह चलता है और लंबी दूरी तय करता है। बाद में यह लैंडिंग भी ड्रोन की तरह ही करेगा। इसमें बैटरी भी कम ही प्रयोग होती है। जिला शिमला में ये चार तरह के ड्रोन प्रयोग में लाए जाएंगे। बर्फबारी और बारिश के कारण शिमला जिला के कई दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मिलना कठिन हो जाता है।
ऐसी स्थिति में इन इलाकों में मुख्य अस्पतालों से ड्रोन के जरिये सेवाएं प्रदान की जाएंगी। मरीजों को दूरदराज के अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अपनी सेवाओं को और बेहतर करने के लिए वन विभाग, पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी ड्रोन का प्रयोग करने का फैसला लिया है। इन तीनों विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन के माध्यम से ड्रोन की खरीद की है। वन विभाग जंगलों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। आपदा के समय मदद पहुंचाने और नुकसान का जायजा लेने के लिए प्राधिकरण ने ड्रोन खरीदे हैं।