अवैज्ञानिक तरीके से बन रही विद्युत परियोजनाओं पर हाईकोर्ट सख्त , मुख्य सचिव से जवाब तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रामपुर में अवैज्ञानिक तरीके से विद्युत परियोजना के निर्माण पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर को विद्युत परियोजना का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने मुख्य सचिव को प्रतिवादी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-06-2023
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रामपुर में अवैज्ञानिक तरीके से विद्युत परियोजना के निर्माण पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर को विद्युत परियोजना का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाया है। मुख्य सचिव को आदेश दिए गए हैं कि मौके का निरीक्षण आईआईटी रुड़की की मदद से करें। अदालत ने इसके लिए आईआईटी रुड़की के रजिस्ट्रार को एक लाख रुपये फीस देने के आदेश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई तीन अगस्त को निर्धारित की है। अदालत को बताया गया कि रामपुर के गांव नरोला में लुहरी विद्युत परियोजना फेज-एक का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग की जा रही है। गांव के ऊपर ढांक में दरारें आ गई है जिससे गांव में जान-माल को खतरा बना हुआ है। अदालत को बताया गया कि ठेकेदार की ओर से सतलुज नदी में मलबा फेंका जा रहा है। इससे न केवल पानी दूषित हो रहा है, बल्कि, पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।
अदालत ने इन आरोपों की वस्तुस्थिति जानने के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर से रिपोर्ट तलब की है। सचिव को आदेश दिए गए हैं कि मौके का निरीक्षण करें और मलबे की अवैध डंपिंग और गांव के लिए खतरा बने निर्माण से अदालत को अवगत करवाएं। अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि इसके निरीक्षण के लिए आईआईटी रुड़की के भूविज्ञान विभाग की सहायता ली जा सकती है। आईआईटी रुड़की को आदेश दिए गए हैं कि वह भू वैज्ञानिक से इसका निरीक्षण करवाएं।