यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-06-2023
सरकारी स्कूलों में कंपनी के तहत सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षकों के मानदेय में कटौती किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को मानदेय में की गई कटौती के कारणों का पता करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2023-24 में वर्तमान राज्य सरकार ने आउटसोर्स पर नियुक्त आईटी शिक्षकों के मानदेय में 2000 रुपये की वृद्धि की है, जो इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वर्तमान सरकार कर्मचारी हितों की रक्षा करने वाली है और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में जैसे-जैसे सुधार आएगा, वैसे-वैसे कर्मचारियों के लंबित वित्तीय लाभ दे दिए जाएंगे। मीडिया ने कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन में कटौती के समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया। मुख्यमंत्री के ध्यान में मामला आने पर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक 24 साल से कंपनी के तहत सेवाएं दे रहे हैं। इन शिक्षकों की संख्या 1,326 है। कंप्यूटर शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि हिमाचल में चाहे सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, उनकी कंपनियों के तहत शोषण हुआ है।
सुक्खू सरकार में इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन की चुनी चार कंपनियों के तहत आते ही शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। कंपनियों को आईटी का जिम्मा सौंपते ही शिक्षकों की तनख्वाह में कटौती हो गई। किसी का दो हजार तो कइयों का चार हजार रुपये तक मानदेय काटा गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कंप्यूटर शिक्षकों के लिए पॉलिसी या फिर पीजीटी आईपी के समकक्ष वेतन देने की बात कही थी। यह मामला भी अभी तक लटका है। 24 साल की सेवाओं में एक शिक्षक प्रधानाचार्य बन जाता है लेकिन कंप्यूटर शिक्षक ठेकेदार के चंगुल में फंसे हैं।