कारगिल शहीद कल्याण सिंह के पैतृक गांव हलांह में शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट का समापन

कारगिल शहीद कल्याण सिंह के पैतृक गांव हलांह में शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट का आयोजन 24 से 26 मई आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ जिला उपायुक्त राम कुमार गोतम ने किया

कारगिल शहीद कल्याण सिंह के पैतृक गांव हलांह में शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट का समापन

यंगवार्ता न्यूज़ - हलांह    27-05-2022
 
कारगिल शहीद कल्याण सिंह के पैतृक गांव हलांह में शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट का आयोजन 24 से 26 मई आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ जिला उपायुक्त राम कुमार गोतम  ने किया। समापन समारोह में 26 मई की शाम बतौर मुख्य अतिथि बलदेव तोमर, पूर्व विधायक एवं उपाध्याय खाद्य आपूर्ति निगम हिमाचल प्रदेश में शिरकत की। 

स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी के साथ मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कार्यक्रम की शुरुआत शहीद कल्याण सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हलाहं के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ हुई। खेलकूद प्रतियोगिता में कबड्डी की कुल 47 टीमों ने भाग लिया। 

शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट कमेटी के अध्यक्ष श्री कुंदन सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशे से दुर रखने और युवाओं में देश प्रेम के भाव को प्रबल करना है। 

खेलकूद प्रतियोगिता के साथ-साथ 2-3 पंचायतों के लिए मेले का आयोजन भी होता है। खेलकूद प्रतियोगिता का यह आयोजन शहीद कल्याण सिंह के जन्मदिवस पर शहीद कल्याण सिंह टूर्नामेंट कमेटी द्वारा किया जाता है।

समापन समारोह में भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब और शिलाई क्षेत्र के पदाधिकारियों और सदस्यों को कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया।

भूतपूर्व सैनिक संगठन की मांग स्थानीय विद्यालय का नाम शहीद कल्याण सिंह राजकीय वरिष्ठ विद्यालय हलांह करने पर भूतपूर्व सैनिक संगठन ने बलदेव तोमर का शॉल, टोपी, मफलर एवं तलवार भेंट कर धन्यवाद किया गया।

भारत माता की जय तथा शहीद कल्याण अमर रहे के नारे के साथ शुरू अपने वक्तव्य में संगठन के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठुंडू ने शहीद कल्याण के जीवन पर प्रकाश डाला। 

शहीद कल्याण सिंह भारतीय सेना की 13वीं जैक राइफल बटालियन में तैनात थे। 31 जुलाई 1999 में देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए कारगिल में वीरगति को प्राप्त हुए। उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी शीला देवी और एक बेटी है।

संगठन के उपाध्यक्ष ने मुख्य अतिथि बलदेव तोमर से आग्रह किया कि इलाके से शहीद भरत सिंह के नाम पर उनके पैतृक गांव के विद्यालय शखोली और शहीद श्याम सिंह के नाम पर उनके पैतृक गांव बांदली के विद्यालय का नामकरण शीघ्र अति शीघ्र किया जाए। ताकि युवाओं और आनेवाली पीढ़ियों को क्षेत्र से देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के प्रति श्रद्धा भाव और देश भक्ति का जज्बा निरंतर बहता रहे। 

बता दें कि भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र अपने क्षेत्र से शहीदों के पैतृक गांव के विद्यालय का नामकरण शहीदों के नाम से करने की हिमायत करता आया है। जिसमें कि काफी हद तक सफलता भी मिल चुकी है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के अलावा शिलाई के सभी प्रशासनिक अधिकारी जिसमें एसडीएम, तहसीलदार, बीडीओ व अधिशासी अभियंता तथा  भूतपूर्व सैनिक संगठन पाँवटा-शिलाई से पूर्व अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह चौहान, उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ठुंडू एवं सवर्णजीत, सचिव संतराम चौहान, सह-सचिव मोहन चौहान एवं गुरदीप, कोषाध्यक्ष तरुण गुरंग, मिडिया प्रभारी दिपू ठुंडू व नरेश कुमार, वरिष्ठ सदस्य नारायण बीरसांटा, दिनेश ठुंडू, चमेल नेगी, दीपचंद, विजेंदर, सतीश, जगदीश, जीवन, दिनेश, जवाहर, विरेन्द्र, विक्रम, रणसिंह, विंदु और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उपस्थित सभी लोगों ने शहीद राजेश वर्मा, शौर्य चक्र के स्मृति स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।