कारनामा : स्कूटर पर ढोया गया दस-दस टन राशन , सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन में करोड़ों का घोटाला
सिरमौर जिला में स्टेट सिविल कॉरपोरेशन में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यहां बीपीएल परिवारों को दिए जाने वाले सरकारी राशन को डकार कर करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया है। इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा जुटाई गई जानकारी में हुआ है। नाहन में आज एक्टिविस्ट रितेश गोयल पत्रकारों से रूबरू हुए
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 27-03-2023
सिरमौर जिला में स्टेट सिविल कॉरपोरेशन में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यहां बीपीएल परिवारों को दिए जाने वाले सरकारी राशन को डकार कर करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया है। इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा जुटाई गई जानकारी में हुआ है। नाहन में आज एक्टिविस्ट रितेश गोयल पत्रकारों से रूबरू हुए। आरटीआई एक्टिविस्ट रितेश गोयल ने कहा कि पिछले कई सालों से इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है और इसमें सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ मील मालिक व ढुलाई ठेकेदार की मिलीभगत सामने आई है।
आरोपों के मुताबिक सस्ते दामों पर गरीबों को मिलने वाले राशन को सिर्फ कागजों में बटा हुआ दिखाया जाता है जबकि हकीकत में इसे महंगे दामों में बाजारों में भेजा जाता है। आरोप है कि स्कूटी नम्बर पर यहाँ 10 -10 टन की सप्लाई दिखाई गई है एक ही दिन में एक गाड़ी को कई स्टेशनों पर सप्लाई करते से दिखाया गया है जो कि बिल्कुल भी संभव नहीं है क्योंकि इन सब की दूरी एक दूसरे से करीब 200 किलोमीटर से भी दूर है। रितेश गोयल ने पत्रकारवार्ता के दौरान भुगतान को लेकर बिलों व चालान इत्यादि की जानकारी भी शेयर की। इसमें खुलासा किया कि मिल मालिक द्वारा कंडम ट्रक (एचपी18बी-5205) व स्कूटी (एचपी18ए -8505) पर 10-10 टन राशन की ढुलाई दिखाई।
इसके बाद विभाग ने बिलों को भी पास कर दिया। एक आपूर्ति तो तीन महीने बाद गंतव्य तक पहुंची। गोयल ने कहा कि आरटीआई द्वारा एकत्रित की गई जानकारी चार बोरियों की है। इसमें से कड़ी मशक्कत के बाद करीब 5 किलो दस्तावेजों की छंटनी की गई, जो इस घोटाले को साफ तौर पर इंगित कर रहे हैं। रितेश गोयल की मानें तो कोविड काल में 2020-21 व 2021-22 में हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम समिति के गोदामों से अनाज की ढुलाई की एवज में तकरीबन 10 करोड़ का घोटाला हुआ है। ठेकेदार ने एक ही गाड़ी द्वारा एक ही दिन में तीन अलग-अलग स्थानों पर आटा ढुुलाई को दर्शाया है।
निगम द्वारा बंद पड़ी आटा मिल को पिसाई व ढुलान का भुगतान किया गया। साथ ही बिजली के बिलों से भी मिलान किया जा सकता है। गोयल ने सवाल उठाया कि जब बिजली की खपत ही नहीं हुई तो आटे की पिसाई कैसे हुई। ठेकेदार ने ढुलाई का कार्य कालाअंब से दर्शाया। 17 किलोमीटर का अतिरिक्त किराया दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम समिति के निदेशक द्वारा महज खानापूर्ति के लिए जांच करवाई गई।