कार्यालय डिनोटिफाई के मुद्दे गर्माया सदन, तीखी नोक-झोंक के बाद भाजपा का वाकआउट 

14वीं विधानसभा के शीत कालीन सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इससे पहले विपक्ष सदन में काफी देर तक नारेबाजी करता रहा

कार्यालय डिनोटिफाई के मुद्दे गर्माया सदन, तीखी नोक-झोंक के बाद भाजपा का वाकआउट 

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला      06-01-2023

14वीं विधानसभा के शीत कालीन सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इससे पहले विपक्ष सदन में काफी देर तक नारेबाजी करता रहा। भाजपा विधायकों ने सदन में विपक्ष को कम बोलने और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए वॉक आउट किया। 

विपक्ष का कहना था कि चर्चा में भाग लेने के लिए सत्तापक्ष के चार और विपक्ष के तीन विधायकों के नाम तय हुए थे। मगर, बाद में सत्तापक्ष के ओर सदस्य के नाम भी इसमें शामिल किए गए। इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि यह अधिकार आसन का है। 

उनका उपयोग करते हुए पहली बार सदन में चुनकर आए सदस्य को बोलने का अवसर दिया गया है। इससे नाराज विपक्ष सदन से बाहर चला गया। इससे पहले सदन में डिनोटिफाई किए गए दफ्तर को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक होती रही। भाजपा ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ऑर्लेकर के अभिभाषण को दिशाहीन करार दिया। 

वहीं सत्तापक्ष के विधायक अपनी सरकार का बचाव करते रहे। कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने अभिभाषण पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेशहित में हर वो काम करेगी, जो जरूरी होगी। उन्होंने सरकार द्वारा लगभग 900 संस्थानों को डिनोटिफाई करने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने पूछा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी की आखिरी साल में सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में संस्थान खोल दिए। 

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को सस्पेंड करने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि यह संस्थान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का अड्डा बन गया था। उन्होंने पूर्व सरकार पर कांगड़ा के साथ भेदभाव करने और प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। 

विपिन सिंह परमार ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सदन और सड़क पर उठाएगी। सरकार द्वारा सुंदरनगर के डैहर में 1952 में खुली 70 साल पुरानी पुलिस चौकी को बंद करने पर भी हैरानी जताई और अधिकारियों को सरकार को सही सूचनाएं देने की सलाह दी। 

धर्मपुर से विधायक चंद्रशेखर ने बागवानी मिशन और जल जीवन मिशन में पूर्व सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इनकी जांच की मांग की। उन्होंने कोरोना काल में जल शक्ति विभाग में गाड़ियों की मूवमेंट की भी जांच की मांग की। विपिन परमार ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिनों के भीतर ओपीएस लागू करने, एक लाख रोजगार का प्रावधान करने और 18 साल से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने का वादा किया था। 

अब तक इन वादों को पूरा नहीं किया गया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष को राजनीतिक चश्मा हटाकर सुक्खू सरकार द्वारा प्रदेश हित में लिए जा रहे निर्णय की सराहना करनी चाहिए। राज्यपाल का अभिभाषण उन्हीं अफसरों ने तैयार किया है, जो पूर्व भाजपा सरकार में अहम पदों पर तैनात थे। इसलिए भाजपा को अधिकारियों की बुद्धिमता पर संदेह नहीं करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 70 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में से 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज केवल पूर्व जयराम ठाकुर सरकार ने ही लिया है। भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि 10 दिन में ओपीएस लागू करने, 18 से 60 साल की महिलाओं को हर माह 1500 रुपए , 2 रुपए किलो गोबर खरीद के साथ-साथ कई वादे किए थे। 

अब तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। हिमाचल के लोग इन वादों के पूरा होनेन का इंतजार कर रहे हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से पहले गवर्नर हाउस से व्यवस्था आती है। 

राष्ट्रपति भवन से आई व्यवस्था के अनुसार भी नेता प्रतिपक्ष का स्वागत के लिए मौजूद रहना जरूरी नहीं है। उन्होंने तालिया बजाने और वीडिया बनाने के मामले में कहा कि भविष्य में इसका ध्यान रखा जाएगा।