यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 08-04-2022
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में सड़क सुविधा न होने पर पहले मरीज को 25 किलोमीटर दूरी से कुर्सी उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया और फिर घर ले जाने के लिए घोड़ा करना पड़ा। मामला सैंज के मरौड़ गांव का है। बीते दिनों सेस राम को अचानक पूरे शरीर में दर्द उठा। ग्रामीण ने उसे कुर्सी पर उठाकर 25 किलोमीटर तक उठाकर मुख्य मार्ग निहारनी पहुंचाया। वहां से निजी वाहन की मदद से सैंज अस्पताल पहुंचाने के बाद मरीज को भर्ती किया गया। उपचार के बाद वीरवार को चिकित्सकों ने मरीज सेसराम को छुट्टी दे दी।
ग्रामीणों ने सेस राम को घर पहुंचाने के लिए 1000 रुपये में घोड़ा किया और उस पर बैठाकर मरोड़ गांव पहुंचाया। गाड़ापारली पंचायत के पूर्व प्रधान भाग चंद, वार्ड पंच निर्मला ठाकुर, लगन राणा, शेर सिंह, हीरा चंद, डोले राम, राम चंद्र, गोविंद राम, मोती राम व लालचंद के अनुसार सड़क सुविधा न होने से मरीजों को मजबूरी में कुर्सी पर उठाकर मुख्य मार्ग पहुंचाना पड़ता है। सैंज की गाड़ापारली पंचायत के शाक्टी, मरोड़ , शुगाड़ व कुटला गांवों में आज भी सड़क नहीं पहुंची है।
लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग को कई बार सड़क के लिए प्रस्ताव लिखकर भेजा जा चुका है। रोजमर्रा की सामग्री को तार स्पेन के माध्यम से गांव में पहुंचा रहे हैं। सरकार हर बार ग्रेट हिमाचल नेशनल पार्क में गांव होने और सड़क के लिए मंजूरी न मिलने का तर्क देती रहती है। बंजार के एसडीएम प्रकाश चंद आजाद ने बताया कि उन्होंने अभी हाल ही में कार्यभार संभाला है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी।
सैंज की गाड़ापारली पंचायत की प्रधान यमुना देवी ने बताया कि संबंधित गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए पंचायत की ग्राम सभा में दो बार प्रस्ताव पास किया गया है। पारित प्रस्ताव स्थानीय प्रशासन व लोक निर्माण विभाग को भेजने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई है।