यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 19-01-2022
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा की बेटी ओजस्वी राणा को आस्ट्रेलिया में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2021 से नवाजा गया है। यही नहीं ऐसे कई अन्य अंतरराष्ट्रीय नवाचार और विज्ञान पुरस्कारों को पहले भी प्राप्त कर चुकी हैं।
ओजस्वी को पुरस्कार मिलने से न केवल माता पिता व शिक्षक बल्कि जिला कांगड़ा के लोग भी काफी खुश हैं। ओजस्वी राणा, जिला कांगड़ा पालमपुर के सुलह की रहने वाली हैं। ऑस्ट्रेलिया में 12वीं कक्षा की छात्रा के रूप में पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने विज्ञान और नवाचार में कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
सेरेब्रल पाल्सी के लिए अपने डिजिटल थेरेपी नवाचार के लिए बायोटेक नवाचार पुरस्कार जीता। कैंसर और अल्जाइमर रोगियों पर पेय पदार्थों के प्रभाव पर उनकी सरल रसायन विज्ञान अनुसंधान परियोजना में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2021 मिला।
उन्होंने कई अन्य अंतरराष्ट्रीय नवाचार और विज्ञान पुरस्कार जीते। उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया।
ऑस्ट्रेलियन डिफेंस फोर्सेस की ओर से फ्यूचर साइंस इनोवेटर अवार्ड 2021 से भी सम्मानित किया गया है। वह कैंसर और उम्र बढ़ने से संबंधित बीमारियों में अनसुलझे सवालों के जवाब खोजने और कैंसर रोग की जटिलताओं को कम करने के लिए काम कर रही हैं। ओजस्वी ने यंगवार्ता न्यूज़ को बताया कि वह पालमपुर में छुट्टियां बिताने के लिए आती हैं।
यहां की नदियां, पहाड़ व प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें बहुत आकर्षित करता है। लेकिन इस आनंद के विपरीत शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने का भी आनंद लेती हैं। वह चाहती हैं कि हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं को स्कूल में साइंस प्रौद्योगिकी शिक्षा के लिए आगे आना चाहिए, ताकि विश्व में विज्ञान परियोजनाओं व खोज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकें।
उनका प्रयास यहां पर एक जिज्ञासु मानसिकता विकसित करने व अन्वेषण करना है, ताकि हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी हब राज्य बनने में मदद मिल सके। इस दिशा में कदम उठाने के लिए अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहस व प्रतिबद्धता रखेें। ओजस्वी के पिता डाक्टर अमित राणा आस्ट्रेलिया में यूएसए न्यू हेल्थ केयर प्रोडक्टस् और डिजिटल हेल्थ में सर्जन व सीआटो , एडवाइजर और एग्जीक्यूटिव के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। ओजस्वी की माता आशा राणा ऑस्ट्रेलिया अस्पताल में कैंसर रोग विशेषज्ञ के पद सेवाएं दे रही हैं।
डॉक्टर अमित विदेश में रहते हुए भी अपनी संस्कृति व अपने लोगों को नहीं भूले हैं। कोविड-19 के इस काल में अगेंस्ट कोविड-19 वाट्सएप समूह के माध्यम से अपने लोगों से जुड़े हैं और कोविड-19 को लेकर समय समय पर विश्व स्तर पर उठाए जाने वाले कदमों व जानकारियों को अपने लोगों से शेयर करते हैं। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में सक्रिय तौर पर जानकारियां शेयर करते रहे।
इसके अलावा जब भी उनकी जरूरत कोरोना संबंधित जानकारी को रहती है तो वह अपनी सेवाएं देते हैं। डा. राणा सुलह के रहने वाले हैं और कुछ समय दिल्ली रहे, अब आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं व वहां पर सेवाएं दे रहे हैं। बेटी को पुरस्कार मिलने पर उन्होंने उज्जवल भविष्य की कामना की है।
ओजस्वी के माता-पिता ने बताया कि बेटी का लगाव साइंस और इनोवेशन में बचपन से ही रहा है। किसी प्रोसेस को नए तरीके से देखना और एक्सपेरिमेंट से बेहतर बनाना। मेडिकल रिसर्च में रुचि लेना, जिन बीमारियों के लिए इलाज संभव नहीं है उनके लिए ट्रीटमेंट बनाने को लेकर रुचि रही है।