हिमाचल में प्रतिदिन हो रहे सात सड़क हादसे , पांच माह में 954 दुर्घटनाओं में 403 की मौत

हिमाचल प्रदेश की सर्पीली सड़कों बस हादसें बढऩे लगे है। राज्य में इस साल में पेश आए सड़क हादसों पर नजर दौड़ाई जा तो पांच माह के दौरान ही हिमाचल में 259 बसें दुर्घटना ग्रस्त हो चुकी है

हिमाचल में प्रतिदिन हो रहे सात सड़क हादसे , पांच माह में 954  दुर्घटनाओं में 403 की मौत
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   05-07-2022

हिमाचल प्रदेश की सर्पीली सड़कों बस हादसें बढऩे लगे है। राज्य में इस साल में पेश आए सड़क हादसों पर नजर दौड़ाई जा तो पांच माह के दौरान ही हिमाचल में 259 बसें दुर्घटना ग्रस्त हो चुकी है। जो बीते साल यानी 2021 के शुरूआती पांच माह के मुकाबले 231 हादसे अधिक है। 
 
 
इसके अलावा उक्त अवधि के दौरान चार स्कूल बसें भी हादसों का शिकार हुई है। हिमाचल में इस साल अब तक 259 बसें दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है। बीते साल उक्त अवधि के दौरान केवल मात्र 28 हादसे ही पेश आए थे। प्रदेश में इस साल पांच माह के दौरान ही साढ़ सौ से अधिक हादसे पेश आ चुके है। 
 
 
प्रदेश में मानसून सीजन की शुरुआत हो चुकी है। अगर आगामी दिनों के दौरान एहतियात नहीं बरती गई तो राज्य में उक्त हादसों में और बढ़ोतरी आ सकती है। राज्य पांच माह की अवधि के दौरान 954 सड़क हादसे पेश आ चुके है। इन हादसों में 403 लोग अकाल मौत का ग्रास बन चुके है। 
 
 
जबकि हादसों में 1575 लोग घायल हुए है। प्रदेश में बीते साल यानि 2021 के शुरूआती पांच माह के दौरान 895 सड़क हादसे पेश आए थे। मगर मौजूदा साल में सड़क हादसों में भी बढ़ोतरी आई है। हालांकि परिवहन विभाग द्वारा राज्य में जनता को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 
 
 
मगर जागरूकता के बावजूद भी प्रदेश में हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में पांच माह के दौरान पेश आए हादसे में सबसे ज्यादा हादसे मानवीय चूक के चलते पेश आए है। 90.16 फीसदी हादसे मानवीय चूक के चलते पेश आए है। 
 
 
हादसों को मुख्य कारण खतरनाक ड्राइविंग है। राज्य में खतरनाक ड्राइविंग के चलते 362 हादसे पेश आ चुके है। वहीं ओवर स्पीड के कारण 240 दुर्घटनाए घटित हो चुकी है। राज्य के कांगड़ा में पांच माह के दौरान सबसे ज्यादा हादसे पेश आए है। 
 
 
कांगड़ा में 162, मंडी में 140, शिमला में 121, सिरमौर में 103 और ऊना में 88 सड़क हादसे पेश आ चुके है। किन्नौर व लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में हादसों में इजाफा आया है।