गिरिपार हाटी क्षेत्र को जनजातीय दर्जे की कई दशकों से लंबित मांग आखिरी पड़ाव पर

सिरमौर के गिरिपार हाटी क्षेत्र को जनजातीय दर्जे की कई दशकों से लंबित मांग अब आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुकी है। पूरे गिरिपार क्षेत्र में ताबड़तोड़ हाटी खुमलियों का दौर चल रहा है  ऐसी ही खुमलियां राजगढ़ क्षेत्र में भी चल रही है......

गिरिपार हाटी क्षेत्र को जनजातीय दर्जे की कई दशकों से लंबित मांग आखिरी पड़ाव पर

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़   02-02-2022

सिरमौर के गिरिपार हाटी क्षेत्र को जनजातीय दर्जे की कई दशकों से लंबित मांग अब आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुकी है। पूरे गिरिपार क्षेत्र में ताबड़तोड़ हाटी खुमलियों का दौर चल रहा है  ऐसी ही खुमलियां राजगढ़ क्षेत्र में भी चल रही है। 

हाटी समिति राजगढ़ के कायकर्ता हर गांव पंचायत में पहुंचकर लोगों के बीच आंदोलन की अलख जगा रहे हैं। इन बैठकों में नौजवानों की भारी संख्या दिखाई पड़ रही हैं। लगभग हर बैठक में नौजवानों का राजनीतिक दलों के प्रति रोष दिखाई रहा है। 

करीब चालीस साल से सरकारों के धोखा खाता हाटी समुदाय अब किसी को बक्शने के मूड में नहीं लग रहा। ऐसी ही बैठक गत रविवार को राजगढ़ विकास खंड की नेरी कोटली पंचायत में हुई।

शिरगुल महाराज की जन्मस्थली शाया में आयोजित इस बैठक में बड़ी संख्या में बुजुर्गों और नौजवानों ने भाग लिया।  बैठक में क्षेत्र के बुजुर्गों ने पझौता आंदोलन की कहानियां सुनाकर नौजवानों को प्रेरणा दी।  

बैठक में उपस्थित लोगों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा की यदि शीघ्र ही हाटी समुदाय को आरजीआई द्वारा पंजीकृत ना किया गया तो गिरिपार में बड़ा आंदोलन होगा । 

 बैठक में नेरी कोटली पंचायत के अमर सिंह, विक्रम ठाकुर, मुकेश, रमेश सूर्यकांत, रामानंद और सोमप्रकाश आदि ग्रामीण उपस्थित रहे। राजगढ़ समिति से जयपाल, वीरेंद्र सिंह, सुखदर्शन, विशाल और ऋत्विक ठाकुर भी बैठक में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विक्रम ठाकुर ने बताया कि स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाली नेरी कोटली पंचायत अधिकारों की लड़ाई में भी पीछे नहीं हटेगी।

राजगढ़ हाटी समिति के महासचिव हरदेव भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि मार्च तक राजगढ़ समिति क्षेत्र की हर पंचायत का दौरा कर देगी। पझौता क्षेत्र में भी शीघ्र ही एक बड़ी खुमली का आयोजन होगा ।