चारपाई पर जयराम सरकार का विकास , मरीज को बांस के डंडो में बांधकर ले जाना पड़ता है अस्पताल
प्रदेश के विकसित जिला कांगड़ा की लपियाना पंचायत का पंदू गांव आज भी सड़क सुविधा से बंचित
प्रदेश के विकसित जिला कांगड़ा की लपियाना पंचायत का पंदू गांव आज भी सड़क सुविधा से बंचित
यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा 29-10-2021
हिमाचल प्रदेश सरकार विकास के नित नए दावे करती है। आये दिन राजनेता यह कहते नहीं थकते की पहाड़ी राज्य हिमाचल के विकास के लिए केंद्र से कई तमगे मिल चुके है , लेकिन जमीनी हकीहत इसके एकदम विपरीत है।
आज हम आपको विकास एक एक ऐसी तस्वीर से रूबरू करेंगे जिससे सरकार के दावें की पोल खुलेगी या यूँ कहे कि ऐसी तस्वीरों के सामने आने से समूचा हिमाचल शर्मसार हो गया है।
प्रदेश का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा विकास की ओर अग्रसर हो चुका है। विकास इस कदर हो रहा है की वर्तमान में जिला के लोगों को सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
वोट की राजनीति पर हिमाचल के प्रत्येक जिले के विकास की बात कहने वाली वर्तमान सरकार जिस विकास की बात कर रही है, उस विकास की आज हम आपको एक झलक दिखा रहे है।
विडंबना यह है कि तहसील शाहपुर कि लपियाना पंचायत का पंदू गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। हालात ऐसे हैं कि पंदू गांव की बीमार महिला को दो किलोमीटर चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया गया। अगर महिला को गांव के लोग सड़क तक नहीं पहुंचाते तो उनकी हालत गंभीर हो जाती।
जब भी इस तरह की आपात स्थिति होती है तो गांव के लोगों को मरीजों को पालकी या चारपाई पर उठाकर लिंक सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। हालांकि, इस गांव के लिए कच्ची सड़क बनी है, लेकिन काफी समय से मरम्मत नहीं होने के कारण सड़क न के बराबर है।
गौर हो कि बीते दिन मंगल सिंह की पत्नी रीता देवी बीमार हो गई। ज्यादा बीमार होने के कारण गांव के लोगों ने उन्हें चारपाई पर उठाकर सड़क पर पहुंचाया। उसके बाद उन्हें एंबुलेंस में शाहपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बताते चले कि पीड़ित महिला रीता देवी किडनी की बीमारी से ग्रस्त है, जिन्हें हर माह अपना उपचार करवाने को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
लपियाना पंचायत की पंदू गांव के करीब 270 लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इस गांव में कुल 70 परिवार रहते है। लोगों को स्कूल, बाजार व अस्पताल जाने से पहले पैदल ही सफल करना पड़ता है।
सड़क सुविधा से वंचित गांव वालों का कहना है कि सरकार और सरकार के मंत्री चुनावों के दौरान ही सड़क सुविधा व अन्य सुविधाओं की घोषणा कर हमसे वोट मांगते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव का समय खत्म हो जाता है। हमारे साथ की गई घोषणाएं भी उसी समय समाप्त हो जाती हैं।
उनका यह भी कहना है कि वर्तमान में जब भी सड़क की समस्या बारे शाहपुर की विधायक व पंचायत प्रधान से बात की जाती है तो फॉरेस्ट क्लीयरेंस न मिल पाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।