प्रदेश की जेलों में बंद 40 फीसदी कैदी एनडीपीएस अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों में काट रहे सजा  : डीजीपी

हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद 40 फीसदी कैदी एनडीपीएस अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों में सजा काट रहे हैं। मंगलवार देर शाम को पुलिस मुख्यालय शिमला में आयोजित प्रधाव अभियान के दूसरे चरण की कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीजीपी संजय कुंडू ने यह जानकारी दी

प्रदेश की जेलों में बंद 40 फीसदी कैदी एनडीपीएस अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों में काट रहे सजा  : डीजीपी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     13-04-2023

हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद 40 फीसदी कैदी एनडीपीएस अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों में सजा काट रहे हैं। मंगलवार देर शाम को पुलिस मुख्यालय शिमला में आयोजित प्रधाव अभियान के दूसरे चरण की कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीजीपी संजय कुंडू ने यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या को समग्र रूप से देखने की आवश्यकता है। कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के ओएसडी चिराग भानु सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। चिराग भानु सिंह ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के खतरे से लड़ना केवल एक एजेंसी का काम नहीं है।

सभी संबंधित एजेंसियों को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि सभी हित धारक मिलकर प्रयास करें तो इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने किस तरह नशीली दवाओं के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए कानून और प्रक्रिया में बदलाव किया जाए, इस पर अपने विचार व्यक्त किए। 

वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश्वर लाल सूद ने बच्चों में नशीली दवाओं के प्रति अनिच्छा पैदा करने में परिवार के महत्व को रेखांकित किया। जिला न्यायवादी कपिल शर्मा ने नशाखोरों और नशा बेचने वालों के बीच अंतर करने की आवश्यकता पर बल दिया।


रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय अरविंद मल्होत्रा, अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, निदेशक अभियोजन और विभिन्न वरिष्ठ अधिवक्ता कार्यक्रम में मौजूद रहे। एडीजी लॉ एंड आर्डर अभिषेक त्रिवेदी, एडीजी सीआईडी एवं विजिलेंस सतवंत अटवाल त्रिवेदी तथा पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी विचार-मंथन सत्र में भाग लिया। 

पंजीकरण की तारीख 24 अप्रैल तक बढ़ाईप्रदेश पुलिस ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी की उभरती समस्या से लड़ने के लिए युवाओं के सहयोग से प्रधाव अभियान की शुरुआत की है। अभियान का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग से लड़ने के लिए 16-25 वर्ष की आयु के युवाओं के विचारों को एकत्रित करना है। 

इस अभियान के तहत छात्र पांच विषयों पर अपने प्रस्ताव ऑनलाइन माध्यम से प्रेषित कर सकते हैं। विभाग ने पंजीकरण की अंतिम तिथि को अब 14 से बढ़ाकर 24 अप्रैल 2023 कर दिया है। अभियान के तहत जिलास्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 10 मई को होगा। रेंज स्तर की प्रतियोगिता 24 मई को आयोजित की जाएगी। 

कार्यक्रम का अंतिम चरण 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस पर शिमला में आयोजित होगा। इस दौरान 3 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों की छंटनी की जाएगी, जिन्हें 1.5 लाख, 1 लाख और 75 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे।