पर्यावरण मंत्रालय ने कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में निजी भूमि पर मनमर्जी के बदलाव की जांच से किया इंकार

पर्यावरण मंत्रालय ने कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में निजी भूमि पर मनमर्जी के बदलाव की जांच से किया इंकार

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर   03-04-2021

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय देहरादून ने कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में निजी भूमि पर मनमर्जी के बदलाव की जांच से साफ इंकार कर दिया है।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मंत्रालय वन भूमि में हुए बदलाव में एनएचएआई द्वारा बिना अनुमति से बदले गए रूट व अनियमितताओं की ही जांच करेगा।  

वन विभाग के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल शशि शंकर ने आरटीआई में मांगी सूचना में इसकी पुष्टि की है। बताया कि निजी भूमि में बदले गए रूट पर राज्य सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई करे।

फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति ने मंत्रालय के इस आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अप्रूवड रोड अलाइनमेंट प्लान केंद्र सरकार का है। 

केंद्र सरकार के समझौते के अनुसार राज्य सरकार केवल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को काम में सहयोग करेगी।

समिति ने आरोप लगाया कि अपने निजी हित के लिए बड़े पैमाने पर बिना किसी की अनुमति लिए एनएचएआई ने अप्रूवड रोड अलाइनमेंट प्लान को भू मालिकों से मोटी रकम लेकर बदल दिया।

समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने कहा कि पहले एनएचएआई ने भूमि मालिकों की भूमि का जबरन अधिग्रहण करवाया, फिर मुआवजा आवंटन करवाया। जब सड़क निर्माण की बारी आई तो रूट बदल दिया।

एनएचएआई ने इन लोगों की भूमि अधिग्रहण को लेकर करोड़ों रुपयों का मुआवजा भी दे दिया। बाद में इसका रूट बदल दिया है। 

वहीं क्षेत्रीय अभिकरण की रिपोर्ट के अनुसार अब दर्जनों स्ट्रक्चर, मकान सुरक्षित पाए गए हैं। इससे साफ है कि रूट बदलाव करने के लिए कितना हेरफेर किया गया। पैसा भी दे दिया और वहां से सड़क भी नहीं निकाली है।

अब राज्य सरकार व केंद्र सरकार इस गंभीर विषय पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही हैं। अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। 

यह जनहित के ही नहीं, बल्कि स्थापित नियमों के भी खिलाफ है। समिति ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार पहले यह तय करें कि वास्तव में यह जिम्मेदारी किसकी है।

पहले नियमानुसार जांच करवाई जाए। उसके बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाए। कहा कि मंत्रालय की इस पुष्टि के बाद समिति के लिए कोर्ट जाने का रास्ता साफ हो गया।