अंकितया नेगी - पांवटा साहिब 12-05-2022
अवैध खनन के लिए प्रदेश भर में सुर्खियों में रहने वाले पांवटा साहिब में सरकार और सरकारी तंत्र को झखझोड़ने वाला मामला पेश आया है। फॉरेस्ट गार्ड, माइनिंग कर्मचारियों और पत्रकारों पर हमला करने वाले खनन माफिया ने बीती रात माइनिंग इंस्पेक्टर का अपहरण कर लिया। माइनिंग इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों के साथ अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए यमुना किनारे गए हुए थे। इस दौरान उत्तराखंड खनन माफिया के लोगों ने पुलिसकर्मियों को भी पीट-पीटकर घायल कर दिया।
वही खनन माफिया के लोग अवैध खनन पर कार्रवाई करने गए माइनिंग इंस्पेक्टर को उठाकर ले गए थे। आपको बता दें कि हिमाचल सहित उत्तराखंड और हरियाणा का खनन माफिया दशकों से सक्रिय है। हर महीने करोड़ों के राजस्व की चपत हिमाचल सरकार को लगाई जा रही है। बीते 3 दिन पहले ही खनन माफिया ने पांवटा साहिब में ही फॉरेस्ट गार्ड पर जानलेवा हमले का प्रयास कर सरकारी तंत्र को चुनौती दी थी और अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। लेकिन माफिया के दबाव में काम कर रहा सरकारी तंत्र उस घटना से नहीं जागा , जबकि खनन विभाग के लोग कार्रवाई को अंजाम देने के लिए अवैध खनन स्थल पर पहुंच गए।
यहां पहले से ताक में बैठे माफिया के लोगों ने माइनिंग इंस्पेक्टर के साथ आए पुलिस कर्मियों के धुनाई कर डाली और माइनिंग इंस्पेक्टर को अगवा कर उत्तराखंड ले गए। माफिया के बुलंद हौसलों से जाहिर होता है कि माफिया की पहुंच कितनी ऊपर तक है। तीन दिन के भीतर सरकारी कर्मचारियों पर हमले और माइनिंग इंस्पेक्टर का अपहरण कर माफिया ने दूसरा बड़ा बड़ा संदेश दिया है कि उनके सरकारी तंत्र में भीतर तक घुसपैठ है। छोटे कर्मचारी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। गौरतलब यह भी है कि पांवटा साहिब में अवैध खनन करने वालों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। माफिया के पुलिस विभाग में किस स्तर की सेटिंग है इसका वीडियो स्वयं जिला खनन अधिकारी बना चुके हैं।
प्रदेश सरकार और खनन विभाग के उच्च अधिकारियों तक सारी जानकारी पहुंचती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर फिर वही लीपापोती का दौर शुरू हो जाता है। लिहाजा एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष नाथूराम चौहान आग बबूला हो गए हैं। नाथूराम चौहान हालांकि इस मामले में बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और उन्होंने इस घटना के खिलाफ जल्द पावटा बंद बुलाने की भी बात कही है। मगर प्रशासनिक अमला इस घटना और खनन माफिया की चुनौती को कितना गंभीरता से ले रहा है यह है पुलिस कार्रवाई में अभी तक नजर नहीं आया है। खनन माफिया के हाथों की पिटे पुलिसकर्मियों ने माइनिंग इंस्पेक्टर को अगवा करने वाली गाड़ी के नंबर और लोगों के नाम तक उच्च अधिकारियों को उपलब्ध करवाएं हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पुलिस इस मामले में कब तक और क्या कार्रवाई अमल में लाती है।
पांवटा साहिब में पवित्र यमुना नदी सहित गिरी और बाता नदियों के किनारों पर जमकर अवैध खनन हो रहा है मगर हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार और उच्च अधिकारियों तक को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होती। हालांकि फॉरेस्ट गार्ड पर हमले और माइनिंग इंस्पेक्टर की किडनैपिंग के बाद खनन माफिया पर कार्रवाई करना पुलिस विभाग की मजबूरी बन गई है। अब डीएसपी पांवटा कह रहे हैं कि इस संबंध में एफ आई आर दर्ज की गई है। माइनिंग इंस्पेक्टर की किडनैपिंग और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।