यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 30-12-2021
भारत में ओमिक्रॉन की संभावित तीसरी लहर के बीच बच्चों के लिए कोवोवैक्स को आपात मंजूरी दे दी गई है। कोवोवैक्स के सीडीएल से बीते दिनों तीन बैच पास किए जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि तीन बैच में 97 लाख से अधिक डोज शामिल हैं। यह परीक्षण में खरी उतरी हैं। इनका कंपनी की ओर से पहले निर्यात किया जाएगा। भारत में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के साथ कोवोवैक्स को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी हरी झंडी दी है।
ई-बायोलॉजिकल लिमिटेड कंपनी की स्वदेशी कोर्बोवैक्स को सीडीएससीओ से आपात मंजूरी मिली है। दोनों कंपनियां अब सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली में जांच के लिए बैच भेजेंगी। यहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद बैच को भारतीय बाजार में उतारा जाएगा।
हाल में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोवोवैक्स के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपात मंजूरी दी थी। एसआईआई अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स के लाइसेंस के तहत भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल बैच भी सीडीएल कसौली पहुंचे थे।
सीडीएल ने क्लीनिकल ट्रायल बैच को मंजूरी दी थी। देश में किसी भी आयात, निर्यात और वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले सीडीएल कसौली से अनुमति लेना जरूरी होता है। वैक्सीन की गुणवत्ता जांचने के लिए बैच सीडीएल में भेजे जाते हैं।
इससे पहले भी कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी, जयकॉव-डी, जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड वैक्सीन को बाजार में उतारने आए पहले सीडीएल ने ग्रीन टिक दिया था।
बायोलॉजिकल ई-लिमिटेड की स्वदेशी कोर्बोवैक्स वैक्सीन के भी क्लीनिकल ट्रायल बैच सीडीएल कसौली के मानकों पर खरे उतरे थे। इसके बाद कंपनी ने सभी औपचारिकताएं पूरा करने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को प्रस्ताव भेजा था। अब मंजूरी के बाद कंपनी बाजार में वैक्सीन उतारने से पहले बैच सीडीएल कसौली भेजेगी।