बर्फ के बीच जान जोखिम में डालकर खड्ड से पानी लाने को विवश ग्रामीण देखिए लाइव तस्वीरें  

देश और प्रदेश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन लाहौल घाटी की ग्राम पंचायत जोबरंग के रापे और राशेल गांव के ग्रामीण आज भी करीब एक फीट बर्फ में 300 मीटर दूर खड्ड और कूहल से पानी ढोने के लिए मजबूर हैं।

बर्फ के बीच जान जोखिम में डालकर खड्ड से पानी लाने को विवश ग्रामीण देखिए लाइव तस्वीरें  
यंगवार्ता न्यूज़ - केलांग   08-01-2022
 
देश और प्रदेश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन लाहौल घाटी की ग्राम पंचायत जोबरंग के रापे और राशेल गांव के ग्रामीण आज भी करीब एक फीट बर्फ में 300 मीटर दूर खड्ड और कूहल से पानी ढोने के लिए मजबूर हैं।
 
हिमखंड गिरने के खतरे के बीच रापे गांव के 24 परिवार कूहल और राशेल गांव के 14 परिवार खड्ड से पानी ढो रहे हैं। मवेशियों के लिए भी यहीं से पानी लाना पड़ता है। खासकर महिलाओं को घर तक पानी पहुंचाने के लिए जान जोखिम में डालकर कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
 
सरकार ने दोनों गांवों की पेयजल योजनाओं के लिए करोड़ों रुपये की राशि जारी की है, लेकिन आज तक पेयजल समस्या हल नहीं हो पाई है। वर्ष 2021 में भी जोबरंग , रापे और राशेल गांवों के लिए टिशंग स्रोत से पानी लाने पर लाखों रुपये खर्च किए गए , लेकिन यह स्रोत दो-तीन माह में ही जम गया। 
 
जोबरंग पंचायत के पूर्व प्रधान सोम देव योकी ने कहा कि जोबरंग पंचायत के गांव रापे और राशेल में पेयजल स्कीमों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। यह सब कमी विभाग की है।काम के टेंडर करवा कर आनन-फानन में बिल निकाल दिए जाते हैं और काम सभी मापदंड के हिसाब से नहीं किया जाता है।
 
इसका खामियाजा रापे व राशेल गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उधर, जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद धीमान ने कहा कि रापे और राशेल गांव के लिए पेयजल स्कीम के लिए 45 लाख रुपये स्वीकृत हैं। इसके टेंडर करवा दिए गए हैं, जिसे जल्द अवार्ड कर दिया जाएगा