न्यूज़ एजेंसी - कोटा 17-07-2021
देश में घूसखोर अधिकारी और कर्मचारी एक दीमक की तरह है , जो देश को भीतर ही भीतर खोखला कर रहे है। ऐसे ही एक अधिकाई को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 16.32 लाख की रिश्वत लेते रेंज हाथ गिरफ्तार किया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज एक बड़ी कार्यवाही करते हुए अफीम किसानों से उनकी अफीम की क्वालिटी अच्छी बता कर अफीम पट्टे देने के नाम पर वसूली गई करीब तीस करोड़ रूपये की राशि में से आईआरएस अधिकारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा में कोटा हैंगिंग ब्रिज के पास से 16.32लाख रूपये की नगदी सहित पकड़ा जिससे पूछताछ की जा रही है और इस खेल में बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा के एसपी चंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासन विभाग ब्यूरो को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक डॉक्टर से शांति यादव जिनको नीमच स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक का भी अतिरिक्त चार्ज मिला हुआ है वह एक स्कॉर्पियो गाड़ी 83 वाई 7851 जिस पर पुलिस विभाग का चिन्ह (लोगो) लगा हुआ है उक्त गाड़ी में आई आर एस डाॅ. यादव कोटा होते हुए गाजीपुर जाएगा और गाड़ी में बड़ी मात्रा में रिश्वत की राशि है ।
इस सूचना पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा के हैंगिंग ब्रिज के पास ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशनाराम विश्नोई और निरीक्षक अजीत सिंह के नेतृत्व में गठित की गई टीम ने उक्त स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका और उसमें सवार अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक आईआरएस डॉक्टर शशांक यादव सवार थे जिसे उतार कर पूछताछ के बाद गाड़ी की तलाशी ली गई तलाशी के दौरान गाड़ी में मिठाई के डिब्बे में 15 लाख रुपए नकदी तथा लैपटॉप और पर्स में 1 लाख 32000 नकदी मिली जिसके बारे में पूछने पर डॉ शशांक यादव कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए इस पर आईआरएस अधिकारी डॉ शशांक यादव को ब्यूरो ने हिरासत में लेकर कार और नकदी को जब्त कर ब्यूरो कार्यालय लाया गया जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
एसपी चंद्रशील ठाकुर ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ और सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली है कि नीमच अफीम फैक्ट्री में राजस्थान के कोटा झालावाड़ चित्तौड़ प्रतापगढ़ में केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग द्वारा लाइसेंस शुदा अफीम उत्पादक किसानों के अफीम की गुणवत्ता की जांच मध्यप्रदेश के नीमच में स्थित अफीम फैक्ट्री में मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी लाइसेंस सुदा अफीम काश्तकारों की अफीम सैंपलो की गुणवत्ता की जांच की जाती है और उच्च गुणवत्ता के आधार पर ही नारकोटिक्स विभाग 10/12 आरी के अफीम उत्पादन के लिए पट्टे जारी करता है ।
अफीम फैक्ट्री नीमच के अजीत सिंह व दीपक यादव दलालों के माध्यम से लाइसेंस शुदा अफीम उत्पादक किसानों को उनके सैंपल की गुणवत्ता बढ़िया बताने और मारफीन अधिक बताने के एवज में प्रति किसान 60 हजार से ₹80 हजार की रिश्वत लेते हैं और जो किसान नहीं देता है उसकी गुणवत्ता और मारफीन घटिया बता दी जाती है उसके आधार पर नारकोटिक्स विभाग उन किसानों के पट्टे निरस्त कर देता है।
इन दोनों कर्मचारियों ने दलालों के माध्यम से करीब राजस्थान और मध्य प्रदेश के 6000 किसानों से अब तक अच्छी गुणवत्ता बताने के एवज में 30 करोड़ से 36 करोड़ रुपए तक की रिश्वत वसूल ली है । यहां करीब 40,000 किसान नारकोटिक्स विभाग केंद्र सरकार से लाइसेंस शुदा उत्पादक है जिनके अफीम की गुणवत्ता और मारफीन की जांच होनी है ।