महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर लेह से मनाली पहुंचने वाली पहली महिला बनी प्रीति दत्तात्रेय

महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर निकलीं पुणे की साइकिलिस्ट प्रीति दत्तात्रेय मस्के लेह से मनाली तक साइकिल से पहुंचने वाली पहली महिला बन गई

महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर लेह से मनाली पहुंचने वाली पहली महिला बनी प्रीति दत्तात्रेय

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू     26-06-2022

महिला सशक्तीकरण का संदेश लेकर निकलीं पुणे की साइकिलिस्ट प्रीति दत्तात्रेय मस्के लेह से मनाली तक साइकिल से पहुंचने वाली पहली महिला बन गई हैं। हालांकि, इस मार्ग पर कई विदेशी महिलाएं भी साइकिलिंग करती हुई देखी जाती हैं, लेकिन महिला सशक्तीकरण जैसे बड़े अभियान को लेकर निकलने वाली यह पहली महिला बनी हैं। 

प्रीति ने 427 किलोमीटर का यह सफर 55 घंटे में पूरा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उनकी यह उपलब्धि गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज होगी। खास यह है कि यह पहला अभियान है, जिसमें सीमा सड़क संगठन ने भी अपना योगदान दिया। सीमा सड़क संगठन 38 आरसीसी के परिसर में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रीति ने कहा कि लेह से मनाली तक का सफर आसान नहीं था।

इस दौरान उन्होंने मौसम के कई रूप देखे। कहीं प्रचंड गर्मी का अहसास हुआ तो कहीं बादल की छांव रही। बर्फबारी के बीच भी अभियान जारी रहा। लक्ष्य मुश्किल था, लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए तमाम बाधाएं पूरी कर लीं। वह 22 जून को लेह से मनाली के लिए निकली थीं। 

लेह से उपसी, लाचुंगला, बारालाचा, तंगलंगला, सरजू होते हुए अटल टनल रोहतांग से मनाली पहुंचीं। इससे पहले भी वर्ष 2021 में गोल्डन कोर्डिलेटरल दौड़ में भाग लिया था। कहा कि आज के दौर में महिलाएं किसी से कम नहीं है। 

वह यह संदेश लेकर निकली थीं कि एडवेंचर में भी महिलाओं की भागीदारी अहम हो सकती है। महिला सशक्तीकरण और पर्यटन विस्तार का मकसद लेकर वह इस सफर पर निकली थीं। सड़क सीमा संगठन के कमांडर कर्नल शबरीश वाचली ने कहा कि मनाली पहुंचने पर साइकिलिस्ट प्रीति का मनाली में स्वागत किया गया है।