राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर वाहनों की आवाजाही दूसरे दिन भी बंद
शिलाई-गुम्मा, राष्ट्रीय राजमार्ग 707, मानव निर्मित भूस्खलन के कारण दो दिनों से बंद है। खुलने के आसार नजर नही आ रहे है। जिसके कारण क्षेत्रीय लोगों में राजमार्ग प्राधिकरण सहित मौका पर मार्ग का कार्य कर रही आरजीवी कम्पनी के खिलाफ रोष व्याप्त
राजमार्ग प्राधिकरण की अनदेखी लोगों पर पड़ रही भारी
पिछले एक साल से कम्पनी की मनमानी, क्षेत्रीय लोगों को पहुंचा गई करोड़ो का नुकसान
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 23-11-2022
शिलाई-गुम्मा, राष्ट्रीय राजमार्ग 707, मानव निर्मित भूस्खलन के कारण दो दिनों से बंद है। खुलने के आसार नजर नही आ रहे है। जिसके कारण क्षेत्रीय लोगों में राजमार्ग प्राधिकरण सहित मौका पर मार्ग का कार्य कर रही आरजीवी कम्पनी के खिलाफ रोष व्याप्त नजर आ रहा है।
क्षेत्रीय लोगों की माने तो कम्पनी ने अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों की कटिंग की है। जिसके कारण लगभग दो सौ मीटर से अधिक पहाड़ का टुडका मानव निर्मित भूस्खलन होने के कारण मार्ग पर गिर गया है। लगभग तीन सौ मीटर ऊपर तक पहाड़ में दरारें आ गई है।
जिसके कारण लगातार पहाड़ से पत्थर और मिट्टी भूस्खलन के माध्यम से मार्ग की तरफ आ रही है। भूस्खलन होने के कारण सैकड़ों लोग दो दिनों से मार्ग पर फंसे हुए है। राहगीरों की माने तो दर्जनों परिवार राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के बंद होने से मार्ग के दोनो तरफ फंस गए है।
शिलाई अस्पताल को दवाई सप्लाई देने वाली गाड़ी भी मार्ग में फंस गई है। यदि मार्ग जल्द न खोला गया तो अस्पताल में मरीजों को जहां दवाइयां प्राप्त नहीं हो पाएगी वही दवाइयों के खराब होने की आशकाएं अधिक बढ़ गई है।
सूत्रों की माने तो राजमार्ग प्राधिकरण और आरजीवी कम्पनी की टेबल के नीचे वाली सेटिंग है। जिसके कारण राजमार्ग प्राधिकरण, आरजीवी कम्पनी पर मेहरबान नजर आ रहा है। इससे पहले भी प्रोजेक्ट के अंदर आरजीवी कम्पनी की कई जगह मनमानी सामने आई है।
कई जगह क्षेत्रीय लोगों की निजी भूमि को कम्पनी द्वारा भारी नुकसान पहुंचाया गया है। लेकिन राजमार्ग प्राधिकरण का आशीर्वाद होने के चलते कम्पनी ने लोगों को हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नही दिया है। इसलिए लोगों में कम्पनी और राजमार्ग प्राधिकरण के प्रति रोष व्याप्त है।
वर्तमान में बोहराड के समीप कम्पनी द्वारा करवाए गए भूस्खलन के चलते वन विभाग के सैकड़ों पेड़ भूस्खलन की भेंट चढ़ गए है। और भारी वन संपदा को नुकसान पहुंचाया गया है। अवैज्ञानिक तरीके से कार्य करने वाली कम्पनी के खिलाफ वन विभाग ने अभी तक विभागीय कार्यवाही अम्ल में नही लाई है। जिसके कारण वन विभाग के खिलाफ भी लोगो में रोष व्याप्त है। हालांकि मौका पर वन बीट गार्ड तैनात है। लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल तसल्ली दी जा रही है।
बताया जा रहा है कि आरजीवी कम्पनी शुरू से विवादों में रही है। राजमार्ग प्राधिकरण सहित स्थानीय प्रशासन कम्पनी पर विभागीय कार्यवाही करने में गुरेज करता नजर आ रहा है। परेशान क्षेत्रीय लोगों ने बताया है कि यदि जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को बहाल न किया गया तो कम्पनी के कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
भ्रष्ट राजमार्ग प्राधिकरण की कार्यप्रणाली के खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा। उधर क्षेत्रीय लोगों ने सरकार से आग्रह किया है कि आरजीवी कम्पनी ने जितना नुकसान पहुंचाया है। उसका मुआवजा लोगों को दिया जाए, अन्यथा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग 707, गिरिखंड क्षेत्र का इकलौता ऐसा मार्ग है जो पहाड़ों में रह रही लगभग 5 लाख की आबादी को शहर से जोड़ता है। सरकार मार्ग को ग्रीन कोरिडोर बना रही है। लेकिन यहां मार्ग का कार्य कर रही कंपनियां क्षेत्र में तबाई का मंजर दिखा रही है। और नदी, नाले सहित यहां पर बड़े घने पेड़ों को बेतरतीवी से नुकसान पहुंचा रही है।