यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-03-2023
हिमाचल विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन सदन में खूब हंगामा बरपा। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने नियम 67 के तहत विधायक क्षेत्र विकास निधि की चौथी किश्त रोकने को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया। विपक्ष ने इस चर्चा की मांग की। इस प्रस्ताव के बाद सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्तापक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का जवाब सुनने के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। स्पीकर ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को निरस्त किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि विपक्ष ने काम रोको का प्रस्ताव लाया है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक क्षेत्र विकास निधि रोकने के लिए काम रोको प्रस्ताव की जरूरत नहीं होती, बल्कि इस पर चर्चा मांगी जा सकती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने पंचायत घर में कालेज खोल दिए। स्कूल में बच्चे नहीं है। हमने इस व्यवस्था को देखा है। हिमाचल सच में आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि आर्थिक बदहाली को लेकर हमारी सरकार व्हाइट पेपर (श्वेत पत्र) लाएगी और प्रदेश की जनता को पिछले पांच साल में खर्च की जानकारी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विधायक निधि बंद नहीं की, बल्कि रोकी है।
उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद जब देखा कि छठा वेतनमान लागू कर दिया। उसका एरियर व डीए नहीं दिया। स्टेट पर कर्मचारियों के 11 हजार करोड़ को मिलाकर 86 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है। पूर्व सरकार द्वारा खोले गए दफ्तर कंटीन्यू होते तो यह 91 हजार करोड़ का कर्ज जाता। जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट की दुहाई देने वाली पूर्व सरकार को चुनाव से छह महीने ऐसी दैवीय शक्ति आई कि 900 संस्थान खोल दिए। इस पर स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि आप विधायक निधि पर बोले।
विपिन परमार ने कहा कि एमएलए को विधायक विकास निधि की अंतिम किश्त से वंचित किया गया है। बजटीय प्रावधान के बावजूद बजट नहीं दिया गया। इससे विधायक जनता को जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उनके 9 सदस्यों ने इसे लेकर नोटिस दिया है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विधायक निधि का मामला सरकार के पास विचाराधीन है। इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम 67 में आज सुबह ही प्रस्ताव मिले हैं। इस नियम का प्रयोग जनता के हितों के लिए होना चाहिए।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक निधि से गांव में छोटे-छोटे काम किए जाते हैं। यह इन कामों को करने के लिए उपयोगी फंड है। इनको बंद करना सही नहीं है। 3 किस्त पहले जारी हो चुकी है, चौथी किस्त क्यों रोकी है? इस पर सदन में चर्चा जरूर होनी भी चाहिए। रणधीर शर्मा ने कहा कि जनता विधायकों से बजट मांग रही है। विधायक कहां से पैसा देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तो सेंटर द्वारा दिया गया डिजास्टर फंड भी रोक दिया है। यह जन विरोधी और विकास विरोधी सरकार है।
विधायक विकास निधि के महत्व को समझते हुए इस पर चर्चा की इजाजत दी जाए, ताकि जनता को सच्चाई पता लग सके। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली दफा ऐसा हुआ है, जब नियम 67 का इस्तेमाल जनता के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि सदस्यों के अधिकारों के लिए किया गया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को बने तीन महीने हो गए है। सब जगह बंद-बंद किया जा रहा है। विकास के लिए जो बजट का प्रावधान किया गया है, उसे दिया जाए। लड़ना-झगड़ना कभी काम नहीं आएगा।