विश्वविद्यालय में अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी नहीं, नेट, सेट फिर स्लेट पास होना अनिवार्य  

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आखिरकार असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए पीएचडी  की अनिवार्यता को खत्म कर दिया

विश्वविद्यालय में अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी नहीं, नेट, सेट फिर स्लेट पास होना अनिवार्य  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     06-07-2023

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आखिरकार असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए पीएचडी  की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यानी विश्वविद्यालय में अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी नहीं होगी।

असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अब नेट, सेट या फिर स्लेट पास होना जरूरी होगा। असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती से जुड़े नए नियम एक जुलाई, 2023 से प्रभावी होंगे। विश्वविद्यालयों में 2018 से पहले भी यही नियम थे।

 गौर रहे कि यूजीसी ने वर्ष 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यह कहते हुए पीएचडी को अनिवार्य किया था कि इससे शोध को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इसके चलते विश्वविद्यालय सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरना मुश्किल हो रहा था। विशेष अभियान चलाने के बावजूद भी इन संस्थानों में खाली पद भरे नहीं जा रहे थे। 

यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बुधवार को ट्वीट कर इस बदलाव की जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि यह बदलाव इसी माह एक जुलाई से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि नए भर्ती नियमों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अब नेट (NET), सेट (SET) और स्लेट (SLET) न्यूनतम योग्यता होगी। 

पीएचडी में लगने वाले समय को देखते हुए भी यह बदलाव किया गया है, जबकि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को हर साल बड़ी संख्या में शिक्षकों की जरूरत होगी।