शताब्दी एक्सप्रेस हादसा : तीरंदाजी टीम के कोच अशोक कुमार ने बर्निंग ट्रेन से बचाई 35 जिंदगियां 

शताब्दी एक्सप्रेस हादसा : तीरंदाजी टीम के कोच अशोक कुमार ने बर्निंग ट्रेन से बचाई 35 जिंदगियां 
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 14-03-2021
 
शताब्दी एक्सप्रेस के कोच में आग की भनक सबसे पहले मध्यप्रदेश के तीरंदाजी टीम के कोच अशोक कुमार यादव को लगी थी। अशोक ने ही इसके बाद सभी यात्रियों को सतर्क रहने को कहा। इसके बाद उन्होंने अपने साथ आए खिलाड़ियों और अन्य लोगों को ट्रेन से बाहर निकालने में मदद की। 
 
अशोक ने बताया कि उनका रविवार को दून में चल रही तीरंदाजी प्रतियोगिता में मैच है। इसके लिए वह अपने एक अन्य सहयोगी कोच और चार महिला और चार पुरुष खिलाड़ियों के साथ दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस में सवार हुए थे। हरिद्वार स्टेशन पर नाश्ता करने के बाद ट्रेन दून के लिए रवाना हुई। ट्रेन करीब 20 मिनट ही चली होगी कि वह उठकर बाथरूम गए। बाथरूम का दरवाजा खोला तो वहां से धुआं और आग की लपटें उठती दिखीं। इससे वह भी भयभीत हो गए।
 
उन्होंने तत्काल कोच में मौजूद अन्य यात्रियों को इसकी जानकारी दी। आग की सूचना मिलते ही बोगी में अफरातफरी मच गई। इसी बीच किसी ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी। ट्रेन रुकी तो लोगों में बाहर जाने के लिए भगदड़ मच गई। किसी तरह से उन्होंने खिलाड़ियों के साथ ही अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
 
वहीं रविवार को रेलवे के अधिकारी इस घटना की जांच में जुट गए हैं। अशोक ने बताया कि आग इतनी भयंकर थी कि अगर तत्काल ट्रेन नहीं रुकती तो बड़ा हादसा हो सकता था। भगदड़ की वजह से कुछ लोगों को चोटें जरूर आईं। हादसे में खिलाड़ियों और अन्य लोगों का सारा सामान जल गया।
 
तीरंदाजी टीम के कोच अशोक ने बताया कि हमारे पास इतना समय नहीं था कि खुद के साथ ही सामान भी बाहर निकाल पाते। उन्होंने कहा कि आग से उनका पूरा सामान जलकर राख हो गया। बताया कि मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री हमारी मदद कर रहे हैं। अशोक ने कहा कि वह भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं कि वह उनके खिलाड़ी और अन्य सभी यात्री सुरक्षित हैं।
 
संघ के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय तीरंदाजी संघ के कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि टीम में चार बालक व चार बालिकाएं शामिल हैं। उनके लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हरियाणा सेंटर से खिलाड़ियों के लिए धनुष व अन्य जरूरी सामान मंगाया गया है। वहीं, शनिवार को दून पहुंचने के बाद खिलाड़ियों के लिए कपड़े खरीदे गए। उन्होंने बताया कि कुछ खिलाड़ियों के पैसे भी जल गए हैं, उनके लिए पैसों की व्यवस्था भी की गई है।
 
करीब साढ़े 12 बजे बोगी के बाथरूम से धुआं आता दिखाई दिया। धुआं बढ़ा तो ट्रेन में अफरातफरी का माहौल बन गया। हर कोई चीखने-चिल्लाने लगा। मैंने लोगों से धैर्य रखने और बच्चों को संभालने को कहा। इसके बाद जब ट्रेन रुक गई को पहले महिलाओं और बच्चों को बोगी से सुरक्षित निकालकर अन्य बोगियों में शिफ्ट करवाया। अशोक ने बताया कि उनका रविवार को दून में चल रही तीरंदाजी प्रतियोगिता में मैच है। इसके लिए वह अपने एक अन्य सहयोगी कोच और चार महिला और चार पुरुष खिलाड़ियों के साथ दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस में सवार हुए थे।