शिमला में ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी के प्रवचनों की बौछार, हजारों श्रद्धालुओं ने भरी हाजिरी
मां दुर्गा समस्त कीटाणुओं और जीवाणुओं को बनाने वाली है और नष्ट करने वाली भी है। जितने भी रोग उत्पन्न होते हैं वे सब इन्हीं कीटाणुओं व जीवाणुओं के द्वारा ही होते हैं
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-06-2022
मां दुर्गा समस्त कीटाणुओं और जीवाणुओं को बनाने वाली है और नष्ट करने वाली भी है। जितने भी रोग उत्पन्न होते हैं वे सब इन्हीं कीटाणुओं व जीवाणुओं के द्वारा ही होते हैं।
समस्त विश्व के वैज्ञानिक इस बात से चिंतित हैं कि इन खतरनाक रोगाणुओं को कैसे रोका जाए और कैसे नष्ट किया जाए। जैसा कि अभी कोरोना काल में हुआ कि समस्त विश्व के वैज्ञानिकों ने रात-दिन एक करके वैक्सीन बनाने का कार्य किया।
उनके प्रयासों में कोई कमी नहीं रही लेकिन फिर भी कोरोना को पूर्णरूप से परास्त नहीं किया जा सका है। केवल मां दुर्गा के बीज मंत्रों की कृपा का नाम पाठ ही इसे पूर्णरूप से नष्ट कर सकता है। जिन्होंने कोरोना काल में पाठ किया उनके अनुभव साक्षात प्रमाण हैं।
ये उद्धार ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी जी ने शिमला में दर्शकों से खचाखच भरे हुए समागम स्थल पर प्रकट किए । ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी जी ने कहा कि मां दुर्गा निराकार रूप में सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान है।
भगवान शिव का कथन है कि यही मां दुर्गा इस कलयुग में एकामाई बनकर समस्त विश्व का कल्याण करती है। जो मनुष्य इसका पाठ करते हैं उसके दुख तत्क्षण दूर हो जाते हैं, जो मनुष्य समस्त इसको अर्पण करके प्रसाद रूप में ग्रहण करता है उस पर मां भगवती प्रसन्न होती हैं।
जब तक यह पृथ्वी रहती है तब तक उसकी पुत्र-पौत्र आदि परंपरा बनी रहती है और अंतत: वह मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। मां दुर्गा की कृपा से साधक को हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।
देवताओं को भी दुर्लभ इस पाठ के जाप से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने कहा कि वेद इस संसार के प्रथम ग्रंथ हैं जिन्हें परमात्मा की वाणी कहा जाता है।
अथर्ववेद के श्रीदेव्यथर्वशीर्ष में मां भगवती देवी दुर्गा ने कहा है कि मैं ब्रह्म हूं और मैंने ही इस समस्त जगत को उत्पन्न किया है। इस विश्व में लगभग 4200 धर्म संप्रदाय हैं। किसी के भी धर्मग्रंथ में यह नहीं लिखा कि मैं परमात्मा हूं।
मां दुर्गा ने कहा है कि मैं ऊपर -नीचे, अगल-बगल सब जगह उपस्थित हूं ए मैं ही समस्त जगत का भ्रण-पोषण करने वाली हूं तथा समय आने पर मैं ही सबका संहार करती हूं । रोगों को उत्पन्न और नष्ट करने वाली भी मां दुर्गा ही है।